सत्ता लिप्सा और तुष्टीकरण की पराकाष्ठा को पार करते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने देश का दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन कराया – योगी आदित्यनाथ

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस वर्ष 1947 के दर्द को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने तथा उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने का एक प्रयास : मुख्यमंत्री
विभाजन की विभीषिका के शिकार लाखों लोगों की स्मृतियों को जीवन्त रखने, उनके परिवारजनों के घावों पर मलहम लगाने व  वर्तमान पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराने का अभियान
प्रधानमंत्री ने सी0ए0ए0 के माध्यम से पीड़ितों के परिवारों के पुनर्वास के लिए योजना बनाई, जिसका उ0प्र0 सरकार ने क्रियान्वयन सुनिश्चित किया
प्रदेश सरकार पीड़ितों के हितों का संरक्षण करने तथा सुरक्षा देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही

लखनऊ / मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां जी0पी0ओ0 स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज पूरा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में 14 अगस्त 1947 की उस भीषण त्रासदी को स्मरण कर रहा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2021 में वर्तमान पीढ़ी को अपने इतिहास के साथ जोड़ने के उद्देश्य से प्रारम्भ किया था। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी द्वारा वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराने के लिए प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया गया है। यह विभाजन विभीषिका के वर्ष 1947 के दर्द को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने तथा उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने का एक प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी की पीड़ा को समाप्त कर यह देश वर्ष 1947 में स्वतंत्र हुआ था। स्वतंत्रता संघर्ष में अनेक क्रांतिकारियों को फांसी के फन्दे पर लटकाया गया था। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अमानवीय यातनाएं दी गई थीं। जब देश स्वतंत्र हो रहा था, उसके एक दिन पूर्व अपनी सत्ता लिप्सा और तुष्टीकरण की पराकाष्ठा को पार करते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने देश का दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन कराया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन और पौराणिक भारत की भुजाओं को काटकर पाकिस्तान जैसे दानव को देश को सदैव पीड़ित करने के लिए बनाया दिया गया था। कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति के कारण अखण्ड भारत में हुए दंगे दुनिया के इतिहास के अत्याचारों की एक पराकाष्ठा को प्रस्तुत करते हैं। कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति पर चलने वाले नेतृत्व के कारण पश्चिमी पाकिस्तान, लाहौर, कराची, रावलपिण्डी, मुल्तान आदि क्षेत्रों को हिंदू विहीन, सिख विहीन तथा बौद्ध विहीन बनाने का अभियान चलाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 अगस्त 1947 और उससे पूर्व हुई हिंसा में विभाजन के कारण करोड़ों लोग बेघर हो गए। लगभग 15 से 20 लाख लोगों का कत्लेआम हुआ। विभाजन की त्रासदी के कारण अपना घर बार छोड़कर के दर-दर की ठोकरें खाने वाले पीड़ितों के लिए तत्कालीन सरकार ने राहत पैकेज, पुनर्वास, स्मारक तथा नागरिकता के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार विभाजन के शिकार लोगों को पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी के रूप में वर्ष 1947 से पहले तथा उसके पश्चात जम्मू कश्मीर और देश के अलग-अलग भागों में निवास कर रहे लाखों लोगों को सिटीजनशिप अमेन्डमेन्ट एक्ट के माध्यम से भारत की नागरिकता देने का काम भी प्रधानमंत्री ने प्रारम्भ किया। उनको अस्थाई आवास की सुविधा दी। बेघर लोगों ने अपनी मेहनत व पुरुषार्थ से भारत के विकास में अपना योगदान दिया। राष्ट्रवाद की एक नई अलख को जगाने के लिए अपने आप को समर्पित किया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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