राज्य सरकार द्वारा गोवंश के भरण पोषण के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जा रहा, भरण पोषण हेतु आवश्यक धनराशि का पूरा सदुपयोग हो, गोशालाओं को और अधिक व्यवस्थित और सुदृढ़ बनाया जाए – पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गोशालाओं के आर्थिक स्वालम्बन के लिए आवश्यक है कि गोवंश पूरी तरह स्वस्थ रहे। इसलिए गोवंश के भरण पोषण का विशेष ध्यान रखा जाए। राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रति गोवंश हेतु प्रतिदिन भरण पोषण के लिए 50 रूपये धनराशि की व्यवस्था की गयी है। इस धनराशि का पूरा सदुपयोग किया जाए और इसमें कोई भी अनियमितता या फर्जीवाड़ा न हो। कोई भी गोवंश भूखा न रहे और उसके स्वास्थ्य की पूरी निगरानी पशुचिकित्साधिकारी द्वारा की जाए। गोशालाओं में ठंड से बचाव के पूरे इंतजाम किये जाए और किसी भी गोवंश की ठंड से मृत्यु न हो।
श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन विभाग एवं दुग्ध विकास विभाग की बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोशालाओं को और अधिक व्यवस्थित और सुदृढ़ बनाने के प्रयास अधिकारियों द्वारा किये जाए। राज्य सरकार गोसंरक्षण एवं गोआधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने हेतु गौ-दुग्ध, गोबर, गोमूत्र के व्यवसायिक उपयोग के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाये जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि, पशु स्वास्थ्य एवं संक्रामक रोगों से बचाव के लिए संचालित योजनाओं की रीयल टाइम मॉनीटरिंग की जाए। लघु पशु योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। गोआश्रय स्थल के प्रभारी, पशुचिकित्साधिकारी, औषधियों, भूसा एवं अन्य चारा मात्रा तथा गुणवत्ता की निगरानी करते रहें।
श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन मंे वृद्धि हेतु पशुपालकों एवं कृषकों की भागीदारी बढ़ाये जाने हेतु समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाए। किसानों का दुग्ध मूल्य भुगतान समय से हो। दुग्ध उत्पादकों को उनके पशुओं के स्वास्थ्य एवं नस्ल सुधार करके दुग्ध उत्पादन की क्षमता में वृद्धि करने हेतु पीसीडीएफ की पशुआहार निर्माणशाला में निर्मित पशुआहार एवं मिनरल मिक्चर के साथ-साथ दवाओं (डिवार्मिंग, थनैला एवं टिक कन्ट्रोल) के वितरण की कार्यवाही निर्धारित समय में पूरी की जाए।
बैठक में दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 7664 दुग्ध समितियां कार्यरत हैं। नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत 2250 समिति गठन का लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया है। पंजीकृत पोर्टल पर 2470 निबंधित समितियां हैं।
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि किसानों और पशुपालकों के हित में जो भी लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं उनको निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जाए। किसानों को उनके दुग्ध मूल्य का भुगतान समय से किया जाए और दुग्ध समितियों के दुग्ध उपार्जन की विस्तृत रिपोर्ट दुग्ध संघों से प्राप्त की जाए।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पीसीडीएफ के एमडी वैभव श्रीवास्तव, विशेष सचिव दुग्ध राम सहाय यादव, पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 मेम पाल सिंह तथा संयुक्त निदेशक डा0 पी0के0 सिंह अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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