गंगा आरती के दौरान रेहान नामक किशोर की बर्बर पिटाई के मामले में साझा संस्कृति मंच ने पुलिस कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन

वाराणसी/ 28 अप्रैल 2025 को दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के दौरान रेहान नामक मुस्लिम किशोर को उसकी धार्मिक पहचान के आधार पर कुछ असामाजिक तत्वों ने बेरहमी से मारा-पीटा। घायल अवस्था में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिवार की तहरीर पर FIR दर्ज हुई, लेकिन 30 अप्रैल को पुलिस ने अस्पताल से बिना सहमति के रेहान को थाने बुलाया। दिनभर झुलसती गर्मी में बिना भोजन-पानी के पूछताछ की गई और रात 8.30 बजे तक उत्पीड़न कर 151 में चालान कर पुलिस लाइन भेज दिया गया। बाद में सामाजिक प्रयासों से जमानत मिली।

इसी संदर्भ में आज साझा संस्कृति मंच और बनारस के नागरिक समाज के द्वारा संवेदना प्रगट करते हुए पुलिस कमिश्नर वाराणसी को ज्ञापन सौंपा गया।

जांच के दौरान रेहान से पुलिसकर्मियों व अन्य प्रशासनिक कर्मियों ने कहा, “दशाश्वमेध आरती के दौरान घाट पर जाने की क्या जरूरत थी?” यह बात उसकी मदद को पहुँचे लोगों ने भी सुनी। साझा संस्कृति मंच का कहना है कि दशाश्वमेध घाट एक सार्वजनिक स्थान है, जो बनारस की साझी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। वहाँ विदेशी सैलानी, हर धर्म और जाति के लोग आते हैं—तो फिर एक स्थानीय मुस्लिम किशोर के वहाँ जाने पर सवाल क्यों?

घटना के वक्त ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए। रेहान के अनुसार, उसे 5-7 लोगों ने गंगा सेवा निधि कार्यालय में घसीटकर डेढ़ घंटे तक पीटा—इस संस्था की भूमिका की निष्पक्ष जांच अनिवार्य है। इन आपराधिक तत्वों द्वारा क़ानून हाथ में लेना और CCTV फुटेज उपलब्ध न होना भी कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। इसके अलावा, पुलिस लाइन में रेहान से पूछताछ के लिए आई टीम के एक सदस्य, जिन्होंने सफ़ेद शर्ट व पंजाबी पगड़ी पहनी हुई थी और अपना नाम बताने से इनकार किया, ने रेहान से बंद कमरे में पूछताछ के वक़्त अपने परिचय के क्रम में कहा “वे उनके (मारपीट करने वालों के) ख़ास आदमी हैं”. यह बयान पुलिस की भूमिका पर गहरे सवाल खड़े करता है. परेशानी यह भी है की हमलावर अब तक गिरफ्तार नहीं हुए. 

राज्य को स्वतः संज्ञान लेकर दोषियों के विरुद्ध धार्मिक घृणा फैलाने, हत्या के प्रयास व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने जैसे अपराधों में सुसंगत धाराओं में कठोरतम कार्यवाही करनी चाहिए। हम बनारस के लोग साझी विरासत में जीने और अमन पसन्द लोग है ऐसी किसी भी घटना के पक्ष में नही है जहाँ जाती धर्म के नाम पर किसी को चोट पहुचाई जाय। बनारस और बनारस के घाट सभी का है और रहेगा। आज के ज्ञापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से जागृति राही, नीता चौबे, सुजाता, रामजनम, अनूप श्रमिक, अबू, मनीष शर्मा, धनंजय, रवि, सतीश सिंह, एडवोकेट प्रेम प्रकाश, जुबैर आदिल, नीति इत्यादि शामिल रहे।

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