पटना, ।केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में व्यापक बदलाव करते हुए बल को युद्ध-सक्षम, तकनीक-दक्ष और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इन सुधारों की घोषणा महानिदेशक श्री राजवीर सिंह भट्टी, आईपीएस, ने वार्षिक प्रशिक्षण सम्मेलन-2025 के दौरान की।अब सभी सीआईएसएफ कर्मियों को आग, आपदा और चिकित्सा संबंधी आकस्मिकताओं में प्रथम प्रतिक्रिया कर्मी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। सभी रिक्रूट प्रशिक्षण के दौरान ही हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग ड्यूटी हेतु पात्रता प्राप्त करेंगे, जिससे हवाई अड्डों पर तैनाती के समय तत्काल कार्यभार सम्भव होगा।बल में 2,000 प्रशिक्षकों का एक समूह तैयार किया जाएगा, जिसमें 10% सीटें महिला कर्मियों के लिए आरक्षित रहेंगी। प्रशिक्षकों के चयन हेतु उच्च मानक निर्धारित किए गए हैं और ‘केंद्रीय प्रशिक्षक प्रबंधन प्रणाली (CIMS)’ लागू की जा रही है, जो आवेदन, प्रशिक्षण और मूल्यांकन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगी।

लगातार बढ़ते बल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय की मंजूरी से सीआईएसएफ ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता में 50% की वृद्धि की है। अब हर वर्ष लगभग 15,000 रिक्रूट प्रशिक्षित किए जा सकेंगे।प्रथम रिजर्व बटालियन, तेन में खेल उत्कृष्टता केंद्रनागर विमानन सुरक्षा अकादमी (CASA)तृतीय रिजर्व बटालियन, निलगिरी में अधिशासन सेवा प्रशिक्षण केंद्र (FSTC)इन योजनाओं के लिए ₹450 करोड़ का विशेष आवंटन किया गया है।सीआईएसएफ ने हैदराबाद, मद्रास, उस्मानिया, लखनऊ और जयपुर विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी की है। शीघ्र ही एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया जाएगा, जहां कर्मी विभिन्न प्रमाणन पाठ्यक्रमों में आवेदन कर सकेंगे।अब सीआईएसएफ कर्मियों को “One Force, One Outdoor Standard” नीति के तहत सबसे कठिन युद्ध मानकों की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें 21 किलोमीटर की हाफ-मैराथन और ‘Battle Obstacle Assault Course (BoAC)’ जैसे शारीरिक प्रशिक्षण शामिल हैं, जिससे बल की फिटनेस NSG जैसी उत्कृष्ट इकाइयों के बराबर होगी।प्रशिक्षण कार्यक्रम में अब विशेष बलों के आतंकरोधी विशेषज्ञों द्वारा सत्र आयोजित किए जाएंगे, जो कर्मियों को वास्तविक युद्ध और संकट प्रबंधन के लिए व्यावहारिक कौशल प्रदान करेंगे।CISF अपने सभी प्रशिक्षण केंद्रों में 20 अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित एकीकृत प्रशिक्षण मॉडल लागू करेगा। साथ ही, डिजिटल कमान और नियंत्रण केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता और दक्षता में वृद्धि होगी।ये सुधार सीआईएसएफ को युद्ध के लिए सक्षम, संचालन में तकनीक-दक्ष और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में बहु-कुशल बनाएंगे। यह न केवल संस्थान को उत्कृष्टता की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएगा, बल्कि भारत की राष्ट्रीय क्षमता निर्माण प्रणाली में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
बल को “भविष्य के लिए तैयार” बनाना— यही है सीआईएसएफ का लक्ष्य।

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