पर्यावरणीय सततता की दिशा में एक सशक्त पहल
रांची, । सीसीएल और पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) के बीच आज एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य है—खनन के बाद के खाली क्षेत्रों (Mine Voids) में फ्लाई ऐश के सतत उपयोग को बढ़ावा देना।
यह समझौता “Fly-ash utilization in Mine Void of Dakra OCP, NK Area, CCL from FY 2027-28” शीर्षक परियोजना के तहत किया गया है, जो पर्यावरणीय पुनर्स्थापन और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में एक अग्रणी कदम के रूप में देखा जा रहा है।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर सीसीएल के एनके क्षेत्र के महाप्रबंधक और पीवीयूएनएल की पतरातू सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (STPP) के महाप्रबंधक (संचालन) द्वारा किए गए।
इस अवसर पर सीसीएल के निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री चंद्र शेखर तिवारी ,निदेशक (परियोजना एवं योजना) श्री शंकर नागाचारी, एवं पीवीयूएनएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर. के. सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सीसीएल और पीवीयूएनएल के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति रही।
इस समझौते का उद्देश्य केवल फ्लाई ऐश निपटान नहीं, बल्कि उसे एक संसाधन के रूप में उपयोग कर खनन के बाद की भूमि को पुनः उपयोगी बनाना है। यह पहल खनन क्षेत्रों में पर्यावरणीय पुनःस्थापन, जल संरक्षण, मिट्टी की गुणवत्ता सुधार और क्षेत्रीय जैव विविधता को पुनर्जीवित करने में सहायक सिद्ध होगी।
यह समझौता ज्ञापन उन प्रयासों की कड़ी है, जिनके माध्यम से सीसीएल पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान खोजते हुए टिकाऊ विकास की दिशा में कार्य कर रही हैं। यह पहल न केवल सरकार की “पर्यावरण हितैषी ऊर्जा और खनन” नीति का समर्थन करती है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए हरित विरासत का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है।

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