अहरौरा, मिर्जापुर /चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन सोमवार की शाम संध्या अर्घ्य यानी डूबते हुए सूर्य को ब्रती महिलाओं ने दिया गया अर्घ्य। चार दिवसीय छठ महापर्व में तीसरा दिन सबसे खास होता है। इस दिन लोग अपने परिवार के साथ घाट पर जाते हैं और ब्रती महिलाएं कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
मान्यता है कि जो लोग पूरी श्रद्धा के साथ छठ माता और सूर्य देव की पूजा-अर्चना करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन व्रती महिलाएं घाट पर आती हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। सोमवार को सूर्यास्त शाम 5 बजकर 40 मिनट हुआ आसमान में बादल छाने के कारण सभी लोगों ने सूर्यास्त के समय के अनुसार डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया । क्षेत्र की व्रती महिलाएं, पूजन सामग्री बांस की टोकरी में रखकर पोखरा सहुवाईन, अहरौरा बांध, दुर्गा जी मंदिर, मदारपुर, जिगना, इमलिया चट्टी नहर, जरगो बांध सहित अन्य घाटों पर जल में प्रवेश करके सबसे पहले मन ही मन सूर्य देव और छठी मैया को प्रणाम करती हैं और और अर्घ्य देती हैं। इस दौरान सुरक्षा, सफाई, प्रकाश की व्यापक व्यवस्था की गई थी।

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