अमावस्या पर्व पर मारे गए हिंदुओं की आत्माओं को समर्पित बसंत पंचमी का स्नान

मनोज पांडेय 

प्रयागराज। महामंडलेश्वर डॉक्टर अन्नपूर्णा भारती पुरी विधि विधान पूर्वक आज वसंत पंचमी के तृतीय अमृत स्नान में सहभागिता की। उन्होंने कहा कि बहुत ही भारी मन के साथ परंपरा का निर्वहन कर रही है आज का यह स्नान उन सभी दिवंगत पुण्य आत्माओं को समर्पित है जिन्होंने पिछले अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के चलते हुई भगदड़ की वजह से यहां पर प्राण त्यागे है।

ईश्वर से कामना करती हूं उन सभी को मोक्ष दें मोक्षदायिनी मां गंगा के तट पर उन्हें सद्गति प्राप्त हो। वहीं प्रशासन से उन्होंने मांग की मां गंगा के तट पर कोई ऐसा पाप ना करें जो जीवन भर आपको कलंकित करें यदि करने वालों की संख्या ज्यादा है तो उनके पार्थिव शरीर उनके परिवार को सौंप दिए जाएं भले ही मुआवजा न दे परंतु वह परिवार के लोग अपने पारिवारिक जनों का क्रिया कर्म तो विधि विधान से कर सके।

यदि ऐसा नहीं हुआ तो यह घोर पाप होगा। प्रशासनिक आंकड़े और वर्तमान हालात को देखते हुए यह तो निश्चित है की संख्या कहीं अधिक है इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने धर्माचार्यों के बीच में चल रहे वाद विवाद पर निष्पक्ष यह कहा है कि यदि ऐसा ही चला तो इससे सनातन की बहुत बड़ी क्षति होगी धर्म में राजनीति का प्रवेश का मतलब है कि धर्म को हानि सभी को इससे बचने की सलाह दी। बागेश्वर बाबा सहित सभी को अनर्गल बयान बाजी करने से भी उन्होंने मना किया है। आम जनमानस की भावना और संवेदना को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ सनातन का महापर्व है इसका संदेश अच्छा जाना चाहिए ऐसा प्रयास रहे। समस्त श्रद्धालुओं को महाकुंभ में आने का आमंत्रण भी दिया और कहा कि यहां पर श्रद्धा और भाव के मनोयोग से आए पिकनिक मनाने नहीं या महाकुंभ महापर्व है इवेंट नहीं है।

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