राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय एवं सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र  द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित बाल रंगमंच कार्यशाला

 रचनात्मकता और देशभक्ति की भावना के साथ पूरे जोश में जारी

राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित बाल रंगमंच कार्यशाला के दौरान इस्पात इंग्लिश मीडियम स्कूल, सेक्टर-20 का सभागार ऊर्जा, कल्पना और तालियों की गड़गड़ाहट से जीवंत हो उठा है। 12 मई को इसके उद्घाटन के बाद से ही यह कार्यशाला रचनात्मकता और सांस्कृतिक गौरव का एक रंगारंग उत्सव बन गई है, जिसमें हंसी और जानवरों की आवाज़ की से गूंज रही हैं, जो नाट्य दुनिया में युवा छात्रों को आकर्षित कर रही है I

एनएसडी के पूर्व छात्र और कार्यशाला के निदेशक  जगन्नाथ सेठ के नेतृत्व में एक समर्पित पांच सदस्यीय टीम सहित स्थानीय समन्वयक, श्री भास्कर चंद्र महापात्र , युवा प्रतिभागियों को रंगमंच की विभिन्न तकनीकों का प्रशिक्षण दे रही है। 

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पहले दिन से ही बच्चों को नाटकीय कला की कई भावों  में डुबो दिया गया है, जैसे कि आवाज़ में उतार-चढ़ाव के अभ्यास जिसमें साँप, छिपकली और बंदरों जैसे जानवरों की नकल करने से लेकर शरीर की हरकतें जो मछुआरों द्वारा नदी में जाल डालने जैसे ज्वलंत दृश्यों को दर्शाती नज़र आ रही हैं। बच्चों की भावनात्मक अभिव्यक्तियाँ बिल्कुल सजीव और हृदयस्पर्शी हैं और चरित्र निर्माण की प्रक्रिया ने उन्हें रंगमंच की गंभीरता और अनुशासन से अवगत  कराया है।

रंगमंच से जुड़े खेलों ने सीखने को आनंदमय बना दिया है, जिससे टीम वर्क, एकाग्रता और आपसी सहयोग की भावना का विकास हो रहा है। वाणी और गति पर आधारित प्रशिक्षण से बच्चों में साँस नियंत्रण, स्पष्ट उच्चारण और शारीरिक भाव-भंगिमाओं को निखारा जा रहा है, जिससे वे संवाद बोल ही नहीं रहे, बल्कि उन्हें जी भी रहे हैं। इस कार्यशाला के माध्यम से बच्चों को भारत की समृद्ध लोक एवं पारंपरिक रंगमंच विधाओं से भी परिचित कराया जा रहा है, जो उन्हें ग्रामीण भारत की सादगी, संवेदनाओं और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का एक प्रयास है ।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के जीवन को उजागर करना है।  देशभक्ति की यह भावना तिरंगा यात्रा के दौरान खूबसूरती से प्रदर्शित की गई, जहाँ 41 उत्साही छात्रों ने हाथ में तिरंगा लेकर देशभक्ति के नारे लगाए और स्कूल परिसर और आसपास के क्षेत्र में राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाई। 

युवा प्रतिभाओं को निखारने और रंगमंच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एनएसडी की राष्ट्रव्यापी पहल का हिस्सा यह कार्यशाला केवल एक अभिनय कक्षा नहीं है, बल्कि एक परिवर्तनकारी अनुभव है। आगे और भी रोमांचक दिन हैं, जिसमें राउरकेला की युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए अभी और भी बहुत कुछ होना बाकी है।

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