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अंबेडकर के बारे में सच बोलने का साहस कब करेगी करेगी भारतीय राजनीति

अंबेडकर के बारे में सच बोलने का साहस कब करेगी करेगी भारतीय राजनीति

भारतीय राजनीति द्वारा संविधान निर्माण का सारा श्रेय डॉ० अम्बेडकर को दिए जाने को मिथ्या प्रचार और अन्य निर्माताओं का अपमान मान रहे हैं वरिष्ठ लेखक पं० छतिश द्विवेदी 'कुण्ठित' भारतीय संविधान एवं उसके निमार्ता को जानने के लिए सबसे पहले संविधान निमार्ण के उस काल खण्ड को जानना होगा। साथ ही यह भी जानना होगा कि वह लागू किस प्रकार हुआ और उसका प्रभाव समाज पर क्या पड़ा। यह समझना भी बेहद जरुरी है कि सही क्या है और बताया क्या (गलत) जा रहा है। आपको जानना चाहिए कि भारतीय संविधान सभा का गठन स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण…
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प्रकृति का कर्ज: संरक्षण से चुकाएं

प्रकृति का कर्ज: संरक्षण से चुकाएं

डॉ. पंकज कुमार ओझा  बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा प्रकृति हमारी माँ है—वह हमें जीवन देती है, पोषण करती है और हर कदम पर हमारा साथ देती है। हवा जो हम सांस लेते हैं, पानी जो हम पीते हैं, और धरती जो हमें भोजन देती है, यह सब प्रकृति की अनमोल देन है। लेकिन आज हम इस कर्ज को भूलकर प्रकृति का शोषण कर रहे हैं। जंगल कट रहे हैं, नदियाँ प्रदूषित हो रही हैं, और हवा जहरीली होती जा रही है। यह समय है कि हम अपने कर्तव्य को समझें और प्रकृति के प्रति अपने कर्ज को संरक्षण…
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साइबर सुरक्षा हेतु पासवर्ड व मन दोनों मजबूत रखना होगा

साइबर सुरक्षा हेतु पासवर्ड व मन दोनों मजबूत रखना होगा

डॉ मनोज कुमार तिवारी  वरिष्ठ परामर्शदाता एआरटीसी, एसएस हॉस्पिटल, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी साइबर अपराध एक आपराधिक गतिविधि है जो कंप्यूटर, कंप्यूटर नेटवर्क या नेटवर्क डिवाइस को लक्ष्य करके किया जाता है, साइबर अपराध साइबर अपराधियों या हैकर्स द्वारा किया जाता है। साइबर अपराध व्यक्ति या संगठन द्वारा किया जाता है। कुछ साइबर अपराधी उन्नत तकनीकों का उपयोग करते हैं और तकनीकी रूप से कुशल होते हैं। साइबर अपराधी सिर्फ कंप्यूटर सिस्टम और नेटवर्क में सेंध नहीं लगाते हैं कभी कभी वे मानव मस्तिष्क को भी हैक कर लेते हैं ।  वैश्विक स्तर पर साइबर हमले तीव्र दर से बढ़ रहा है लगभग हर दिन 2,200 से ज़्यादा हमले…
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सरकार के छोटे-छोटे कदम टीबी मुक्त भारत की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे

सरकार के छोटे-छोटे कदम टीबी मुक्त भारत की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे

(विश्व क्षय रोग दिवस, 24 मार्च पर विशेष आलेख) हर साल, हम 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाते हैं। यह कार्यक्रम 24 मार्च 1882 की तारीख को याद करने का दिन है जब जर्मन फिजिशियन  डॉ. रॉबर्ट कोच ने माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु की खोज की थी, यह जीवाणु तपेदिक/क्षय रोग (टीबी) का कारण बनता है। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस की खोज हो जाने से टीबी के निदान और इलाज में बहुत आसानी हुई। जर्मन फिजिशियन रॉबर्ट कोच की इस खोज के लिए उन्हें 1905 में नोबेल पुरस्कार दिया गया। यही कारण है कि हर वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन टीबी…
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विकसित रेल-विकसित भारत “विश्व स्तरीय“श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ

विकसित रेल-विकसित भारत “विश्व स्तरीय“श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ

एम. जमशेद  भारतीय रेलवे, भारत की विकास कहानी का क्राउचिंग टाइगर, दुनिया की सबसे उल्लेखनीय और कम चर्चित कहानियों में से एक है कि कैसे बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के प्रति जागरूक सार्वजनिक नीति में रणनीतिक निवेश राष्ट्रीय विकास के लिए प्रभावशाली लाभांश हो सकता है। पिछले दशक (2014-2024) के दौरान भारतीय रेलवे ने जो प्रगति की है, वह विकास और प्रगति का स्वर्णिम काल हो सकता है, और यह प्रणाली आज विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते रेलवे नेटवर्क में से एक है। इसके संदर्भ में, भारत की कहानी को क्या अलग बनाता है और इसे विकास के…
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