सक्रिय सभी राजनैतिक दल और मतदाता अभियान में दें सहयोग – मुख्य निर्वाचन अधिकारी, नवदीप रिणवा

उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण अभियान , 1,62,486 बूथों पर एक साथ चलेगा विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण कार्य 

हर विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और बूथ लेवल अधिकारी होंगे

लखनऊ: मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) के द्वितीय चरण में देश के 12 राज्यों में विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण कराने का निर्णय लिया है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश भी शामिल है। यह पुनरीक्षण आयोग द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों और समय-सारणी के अनुसार आयोजित किया जायेगा। इस विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हों।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में इसके पहले विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण वर्ष 2003 में हुआ था। लगभग 22 वर्ष के अंतराल के बाद पुनः भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार की जा रही है। उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को शुद्ध व समावेशी बनाने के लिए विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण (SIR) का कार्य 28 अक्टूबर, 2025 दिन मंगलवार से शुरू होगा।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार सर्वप्रथम 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर, 2025 तक विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण (SIR) से संबंधित तैयारी, प्रशिक्षण एवं गणना प्रपत्रों का मुद्रण किया जायेगा। 04 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2025 तक बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्रों का मतदाताओं को वितरण किया जायेगा एवं प्रपत्रों को भरवाकर प्राप्त किया जायेगा। 09 दिसम्बर, 2025 को आलेख्य मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। दावे और आपत्तियां दाखिल किये जाने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 08 जनवरी, 2026 तक होगी। नोटिस जारी किये जाने, सुनवाई एवं सत्यापन व दावे और आपत्तियों का निस्तारण एवं गणना प्रपत्रों पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निर्णय किये जाने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 31 जनवरी, 2026 तक होगी। 07 फरवरी, 2026 को अन्तिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विशेष प्रगाढ पुनरीक्षण को लेकर प्रदेश में सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा बूथ लेविल अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी मतदेय स्थल पर 1200 से अधिक मतदाता न हों, इसके लिए मतदेय स्थलों के सत्यापन एवं सम्भाजन की प्रक्रिया भी इस दौरान पूर्ण की जायेगी। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 15.44 करोड़ मतदाता तथा 1.62.486 मतदेय स्थल है। प्रदेश में 75 जिला निर्वाचन अधिकारी, 403 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2,042 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और 1,62,486 बूथ लेवल अधिकारी कार्यरत हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *