एनटीपीसी सतत ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध, वर्ष 2032 तक 130 गीगावाट क्षमता हासिल करने का लक्ष्य – गौतम देब

उत्तरी क्षेत्र एनटीपीसी का सबसे बड़ा परिचालन क्षेत्र है, जो तापीय, हाइड्रो और सौर संयंत्रों के माध्यम से बिजली उत्पन्न करता है – क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक

एनटीपीसी उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय ने 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया

लखनऊ। एनटीपीसी उत्तरी क्षेत्र मुख्यालय (एनआरएचक्यू) ने 15 अगस्त 2025 को लखनऊ में देशभक्ति की भावना के साथ 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया। इस अवसर पर गौतम देब, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर) ने तिरंगा फहराया और देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

अपने संबोधन में देब ने एनटीपीसी की अद्वितीय यात्रा और पिछले 50 वर्षों में भारत की प्रगति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी देश की कुल बिजली उत्पादन का 25% योगदान करता है। सिंगरौली परियोजना से शुरुआत कर भारत का सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक बनने तक, एनटीपीसी ने देश के विकास के साथ कदमताल किया है। वर्तमान में कंपनी की स्थापित क्षमता 82 गीगावाट से अधिक है, जिसमें कोयला, गैस, हाइड्रो, सौर, पवन, परमाणु और बायोमास जैसे विविध स्रोत शामिल हैं। उन्होंने दोहराया कि एनटीपीसी सतत ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध है और वर्ष 2032 तक 130 गीगावाट क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखता है, जिसमें 60 गीगावाट गैर-जीवाश्म स्रोतों से होगा। देब ने साझा किया कि उत्तरी क्षेत्र एनटीपीसी का सबसे बड़ा परिचालन क्षेत्र है, जो तापीय, हाइड्रो और सौर संयंत्रों के माध्यम से बिजली उत्पन्न करता है। इस वर्ष एनटीपीसी-उत्तर क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार रहीं:अगस्त 2025 तक एनटीपीसी के कुल उत्पादन का 27% योगदान एनओकेएच सौर परियोजना का शुभारंभ एनटीपीसी के तापीय पीएलएफ रैंकिंग में रीहंद और सिंगरौली ने क्रमशः 3रा और 5वाँ स्थान हासिल किया, पीएलएफ क्रमशः 87.73% और 85.23% राख के उपयोग में दादरी, झज्जर और रीहंद अग्रणी रहे, उत्तरी क्षेत्र ने 84% उपयोग हासिल किया

उन्होंने “शून्य हानि” कार्यस्थल के विज़न के साथ सुरक्षा पर और पर्यावरण संरक्षण पर एनटीपीसी के फोकस को रेखांकित किया। वित्तीय वर्ष 2025 में 2 लाख से अधिक पौधों का रोपण इसी का उदाहरण है।

उत्तरी क्षेत्र सीएसआर गतिविधियों में भी सक्रिय है, विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं, ग्रामीण बुनियादी ढाँचे और गर्ल एम्पावरमेंट मिशन (GEM) में। श देब ने एनटीपीसी-एनआरएचक्यू के कल्याण प्रकोष्ठ उत्तर क्लब द्वारा आयोजित प्रभावी कल्याणकारी पहलों की सराहना की। इस अवसर पर, उत्तर क्लब की अध्यक्ष श्रीमती बिपासा देब और उपाध्यक्ष श्रीमती संगीता सिंघा रे के नेतृत्व में सीएसआर के तहत पाँच मोटराइज्ड ट्राइसाइकिलें दिव्यांग लाभार्थियों को वितरित की गईं।

कार्यक्रम को विशेष बनाने के लिए कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को “मेधा प्रतियोगिता पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। समारोह का समापन तिरंगे गुब्बारे छोड़कर किया गया, जो गर्व, एकता और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक थे।

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