भारत की अखण्डता के महानायक थे डॉ० श्यामाप्रसाद मुखर्जी

वाराणसी/ इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के क्षेत्रीय केन्द्र, वाराणसी द्वारा निवेदिता शिक्षा सदन बालिका इण्टर कॉलेज, वाराणसी के संयुक्त तत्त्वावधान में संस्कृति मन्त्रालय, भारत सरकार की विशिष्ट संकल्पना के अन्तर्गत डॉ० श्यामाप्रसाद मुख़र्जी के 125वें जन्मतिथि स्मरणोत्सव के उपलक्ष्य में विशिष्ट व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दिनांक 12 अगस्त, 2025 को निवेदिता शिक्षा सदन के सभागार में आयोजित किया गया। इससे पूर्व निवेदिता शिक्षा सदन में संस्कृति मन्त्रालय द्वारा प्रकाशित डॉ० श्यामाप्रसाद मुख़र्जी के जीवनवृत्त पर आधारित पञ्चदिवसीय चित्रप्रदर्शनी के साथ चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

इस व्याख्यान कार्यक्रम के मुख्यवक्ता प्रो० ओमप्रकाश सिंह (पूर्व निदेशक, महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान एवं  इन्स्टीट्यूट ऑफ टूरिज़्म, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी) थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती आनन्दप्रभा सिंह (प्रधानाचार्या, निवेदिता शिक्षा सदन) ने की। परम्परानुसार कार्यक्रम का शुभारम्भ वृहस्पति पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण तथा पुनः आगन्तुक अतिथियों के द्वारा देवी सरस्वती एवं डॉ० मुख़र्जी के चित्र पर पुष्पाजञ्लि अर्पित करने एवं दीप प्रज्जवलन से हुआ। तत्पश्चात् कला केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ० अभिजित् दीक्षित ने अतिथियों का वाचिक स्वागत करते हुये डॉ० मुख़र्जी के विशिष्ट व्यक्तित्त्व और कृतित्त्व की उपस्थापना की तथा इस व्याख्यान की उपयोगिता के विषय में बताया।

व्याख्यान सत्र के मुख्यवक्ता प्रो० ओमप्रकाश सिंह ने भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के संघर्ष के मुख्य बिन्दुओं को विस्तृत रूप में प्रकाशित किया एवं डॉ० मुख़र्जी के विशिष्ट प्रभावी योगदानों का बिन्दुवार उल्लेख किया उन्होंने स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् के राजनैतिक घटनाचक्र एवं डॉ० मुख़र्जी के क्रियान्वयन को भी विशेष रूप से विवेचित किया। अपने सम्भाषण में उन्होंने विशेषकर कश्मीर एवं धारा 370 के विरोध में डॉ० मुख़र्जी के विरोध और अपने आत्मत्याग क़ो याद किया तथा आज इन महत्त्वपूर्ण विषयों में प्राप्त उपलब्धियों को रेखांकित भी किया।

इसके उपरान्त विद्यालय के विभिन्न कक्षा वर्ग के बालिकाओं के लिये डॉ० श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के जीवन-वृत्त पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता में प्रशंसित बालिकाओं को पुरस्कार वितरित किये गये। जिनमें 50 से अधिक छात्राओं ने सहभागिता की तथा कनिष्ठ वर्ग में कु. नव्या सिंह (प्रथम), कु. अनन्या गुप्ता (द्वितीय), कु. आशना परवीन (तृतीय) माध्यमिक वर्ग से कु. आयुषी (प्रथम), कु. सुहानी मौर्य (द्वितीय), कु. जाह्नवी पटेल (तृतीय) एवं उच्चमाध्यमिक वर्ग से कु. साची पटेल (प्रथम), कु. खुशी कुमारी (द्वितीय), कु. दृष्टि गुप्ता (तृतीय) ने पुरस्कार अर्जित किये।

कार्यक्रम के अन्त में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीमती आनन्दप्रभा सिंह ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि डॉ० मुख़र्जी जैसे महापुरुषों के जीवन पर आधारित ऐसे व्याख्यानों से विद्यार्थियों को प्रेरणा प्राप्त करना चाहिये। उन्होंने इसे देश की प्राथमिक नर्सरी के बच्चों के संस्कार निर्माण के लिये अत्यन्त आवश्यक तत्त्व बताया। उन्होंने इस व्याख्यान को आयोजित करने के लिये कला केन्द्र को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में कला केन्द्र के डॉ० रजनीकांत त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा कार्यक्रम का संचालन निवेदिता शिक्षा सदन की वरिष्ठ अध्यापिका श्रीमती पद्ममा पाठक द्वारा किया गया तथा चित्रकला प्रतियोगिता का संयोजन अध्यापिका श्रीमती ऊर्मिला मिश्रा ने किया।

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