कोल इंडिया के ‘स्वर्ण जयंती व्याख्यान श्रृंखला’ के अंतर्गत प्रख्यात लेखिका अनुजा चंद्रमौली का व्याख्यान

कोयला नगर, सामुदायिक सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बीसीसीएल सहित अन्य कोयला कंपनियों के प्रतिभागी हुए शामिल) 

धनबाद।कोल इंडिया लिमिटेड की स्थापना के 50 स्वर्णिम वर्षों के उपलक्ष्य में वर्ष भर आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों के क्रम में ‘स्वर्ण जयंती व्याख्यान श्रृंखला’ के अंतर्गत आज बीसीसीएल के सौजन्य से एक विशिष्ट एवं प्रेरणादायी व्याख्यान समारोह का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम कोयला नगर स्थित बीसीसीएल के कम्युनिटी हॉल में संपन्न हुआ। बीसीसीएल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में ‘फाइंडिंग योर इनर लीडर’ विषय पर देश की सुप्रसिद्ध लेखिका अनुजा चंद्रमौली ने मुख्य वक्ता के रूप में कोयला कार्मिकों को अभिप्रेरित किया। सुश्री चन्द्रमौली भारत की बेस्ट-सेलर राइटर है और उन्हें ऐतिहासिक तथा पौराणिक कथानक एवं फंतासी की बेहतरीन लेखिकाओं में से एक माना जाता है। 

बता दे कि कोल इंडिया की स्थापना के 50 वर्षों के पूरा होने के अवसर पर कोल इंडिया द्वारा ‘स्वर्ण जयंती व्याख्यान श्रृंखला’ के अंतर्गत कोल इंडिया सहित उसकी सभी अनुषंगी कंपनियों में भारत के किसी सुप्रसिद्ध शख्सियत, प्रेरक वक्ता के व्याख्यान आयोजित किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज के व्याख्यान का आयोजन बीसीसीएल द्वारा किया गया, जिसका सीधा प्रसारण बीसीसीएल के आधिकारिक यूटयूब चैनल पर भी हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक (मानव संसाधन)  मुरलीकृष्ण रमैया ने की। अवसर पर निदेशक (वित्त)  राकेश कुमार सहाय, निदेशक (तकनीकी), योजना एवं परियोजन, मनोज कुमार अग्रवाल, मुख्य सतर्कता पदाधिकारी, अमन राज सहित दीक्षा महिला मंडल की सम्मानित सदस्य उपाध्यक्ष पूर्बिता रमैया,नमिता सहाय,अर्चना अग्रवाल के अतिरिक्त सभी बोर्ड सदस्य, यूनियन प्रतिनिधि तथा कोयला भवन मुख्यालय के महाप्रबंधकगण, क्षेत्रीय महाप्रबंधक, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहें। कार्यक्रम में सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के कर्मी भी यूटयूब चैनल के माध्यम से वर्चुअली इस आयोजन से जुड़े रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें सर्वप्रथम निदेशक (मानव संसाधन) मुरली कृष्ण रमैया ने सुश्री अनुजा चंद्रमौली का स्वागत अभिनन्दन किया। तत्पश्चात महाप्रबंधक (मानव संसाधन) ए.के. रॉय ने अन्य सभी गणमान्य अतिथियों का पौधा देकर स्वागत-अभिनन्दन किया। सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात राष्ट्रगान एवं कोल-इंडिया गीत के साथ कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ किया गया।

अपने प्रेरणादायक संबोधन में अनुजा चंद्रमौली ने नेतृत्व को केवल पद या अधिकार नहीं, बल्कि आत्मज्ञान, संवेदना एवं जिम्मेदारी से जोड़ा। उन्होंने पौराणिक उद्धरणों के जरिये यह बताने का प्रयास किया कि नेतृत्व का उद्गम मनुष्य के भीतर से ही होता है। उन्होंनें कहा कि जब हम अपने मूल्यों, साहस और करुणा से स्वयं को जोड़ते हैं, तभी हम समाज में प्रभावशाली नेतृत्व दे पाते हैं। सच्चा नेता वह है जो खुद में अनुशासन और आत्मबल लाकर दूसरों को भी प्रेरित कर सके।

निदेशक (मानव संसाधन)  मुरली कृष्ण रमैया ने अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य अपने नेतृत्व क्षमता का विकास अपनी उपलब्धियों का उत्सव मनाकर नहीं अपितु अपनी कमियों को पहचान एवं उसे दूर करके कर सकता है। उन्होंनें कहा कि आत्म-प्रेरणा और निरंतर सीखने की भावना ही उत्कृष्टता की कुंजी है और इसी के जरिये हम एक बेहतर इंसान और लीडर बन सकते हैं।

अतिथियों के संबोधन के पश्चात दीक्षा महिला मंडल के सदस्यों ने चंद्रमौली को उपहार देकर अपना सम्मान व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन  ए.के. रॉय महाप्रबधक (मानव संसाधन) ने आभार ज्ञापन के साथ किया। मंच संचालन देवांशी जैन एवं तृप्ति मौर्या ने किया। 

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