डिजिटल युग में शिक्षकों को सशक्त बनाने की पहल..

सर्वाेदय विद्यालयों के शिक्षकों को AI की दी डिजिटल ट्रेनिंग

समाज कल्याण विभाग और टीसीएस-सीएसआर स्कूल प्रोग्राम टीम के सहयोग से हुआ वर्चुअल सत्र

एआई के शैक्षिक उपयोग, NCERT  पाठ्यक्रम और इंडस्ट्री एप्लीकेशंस पर दी गई जानकारी

लखनऊ: डिजिटल युग में शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने की दिशा में समाज कल्याण विभाग लगातार पहल कर रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को टीसीएस-सीएसआर स्कूल प्रोग्राम टीम के सहयोग से जय प्रकाश नारायण सर्वाेदय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए एक इंटरएक्टिव वर्चुअल सत्र का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तकनीकों के माध्यम से शिक्षकों को आधुनिक तकनीक की समझ देना और उसे शिक्षण कार्य से जोड़ना है।

सत्र में शिक्षकों को एआई के मूल सिद्धांतों के साथ इसके व्यवहारिक इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान एआई का शिक्षा और संस्थाओं के क्षेत्र में उपयोग और एनसीईआरटी द्वारा प्रस्तावित एआई पाठ्यक्रम की संरचना और दृष्टिकोण जैसे विशेष पहलुओं पर चर्चा की गई। इसके साथ ही कई प्रकार के अन्य ऐप भी सुझाए गए, जो शिक्षण कार्य में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। कार्यक्रम में शामिल शिक्षकों ने कहा कि इस तरह के सत्र उन्हें नई तकनीकों से अपडेट रखने में मददगार साबित होते हैं। कार्यक्रम का संचालन GOIT के एचआर निशिथ प्रभ ने किया। वहीं इस मौके पर मैनेजर एचआर मयंक त्यागी, डिलीवरी मैनेजर, सीएसआर आरती रविशंकर और GOIT के रिजनल हेड सुजित वैद्य मौजूद रहे।

समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण एआई जैसी उभरती तकनीकों को शिक्षा से जोड़ने और युवाओं को तकनीक रूप से सक्षम बनाने के प्रयासों को लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस संबंध में विभाग के अधिकारियों को मासिक लेक्चर लिए जाने के निर्देश दिए हैं। इसी श्रृंख्ला में विभागीय अधिकारियों की AI का समाज कल्याण की योजनाओं मे उपयोग” विषय पर एक विशेष कार्यशाला की जा चुकी है। गौरतलब है कि प्रदेश भर में समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अन्य वर्गों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क आवासीय सुविधा के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 109 सर्वाेदय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं।

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