प्रदेश के समस्त बच्चो के शिक्षा, स्वास्थ्य,पोषण, कौशल से संबंधित योजनाओं का हो बेहतर क्रियान्वयन – बेबी रानी मौर्या

संभव 5.0 (2025) का भव्य शुभारंभ

संभव अभियान 2024 में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच जनपद के जिला कार्यक्रम अधिकारी हुए सम्मानित

संभव अभियान 2024 में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पांच जनपद के आगनबाड़ी कार्यकत्री सम्मानित       

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गंभीर कुपोषण के उन्मूलन हेतु संचालित राज्यव्यापी संभव अभियान के पाँचवें संस्करण संभव 5.0 (2025) का भव्य शुभारंभ 07 जुलाई, 2025 को रेनेसॉ होटल लखनऊ में किया गया। महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से आयोजित इस आयोजन में प्रदेश में बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के पोषण स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के संकल्प को और प्रबल किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश की माननीय कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य एवं राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर मंच पर अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख सचिव श्रीमती लीना जौहरी, सचिव श्रीमती बी. चंद्रकला, यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के सीएफओ श्री ज़कारी एडम, परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डॉ. दिनेश कुमार एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशक श्रीमती सरनीत कौर ब्रोका आदि की उपस्थिति रही। सभी गणमान्य अतिथियों को स्मृति चिह्न स्वरूप पौधे भेंट किए गए, जो हरित व स्वस्थ भविष्य की प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।

संभव अभियान, जिसकी शुरुआत वर्ष 2021 में हुई थी, अब तक चार सफल संस्करणों में समयबद्ध सुधार, नवाचार आधारित हस्तक्षेप, और विभागीय समन्वय के माध्यम से राज्य में बाल पोषण को लेकर उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित कर चुका है। संभव 5.0 का मुख्य उद्देश्य गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की समय पर पहचान एवं समुचित उपचार सुनिश्चित करना, ’छह माह, सात बार’ रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू करना, और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के पोषण की नियमित निगरानी करना है। यह चरणबद्ध प्रयास जुलाई से सितंबर 2025 तक चलेगा, जिसमें प्रत्येक माह को एक समर्पित थीम दी गई है। जुलाई में मातृ पोषण, अगस्त में 0-6 माह के शिशुओं पर विशेष ध्यान, और सितंबर में ऊपरी आहार एवं पोषण माह।

इस अवसर पर संभव 4.0 (2024) के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रदेश के शीर्ष पाँच जिलों-श्रावस्ती, वाराणसी, उन्नाव, फर्रूखाबाद, चंदौली के जिला कार्यक्रम अधिकारियों  एवं पांच जनपदों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों -मानकली(श्रावस्ती), श्रीमती सरिता देवी (वाराणसी), श्रीमती रजनी अवस्थी (उन्नाव), श्रीमती चंद्रमुखी (फर्रूखाबाद), श्रीमती सुजाता कुशवाहा (चंदौली) को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। अपने संबोधन में राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ल ने सभी सहयोगी विभागों, विकास साझेदारों, यूनिसेफ, Ashoka University  एवं UPTSU को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ’कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे-यह सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, हमारा साझा संकल्प है।’ कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने अपने उद्बोधन में कुपोषण के पीढ़ीगत चक्र को तोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं की सतत निगरानी, रीयल टाइम डाटा कैप्चरिंग, और मजबूत विभागीय समन्वय से ही इस अभियान को सतत सफलता मिल सकती है। उन्होंने आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों के समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें प्रेरित किया कि वे अपने अनुभवों को प्रेस एवं समाज के साथ साझा करें, ताकि ये प्रयास सामूहिक जनजागरूकता का माध्यम बन सकें।

कार्यक्रम के अंत में Ashoka University  एवं UPTSU  द्वारा विकसित पूरक आहार और वृद्धि निगरानी पर आधारित शैक्षणिक वीडियो तथा यूनिसेफ द्वारा तैयार की गई 12-पृष्ठीय उपयोगी पुस्तिका का लोकार्पण किया गया। संभव 5.0 न केवल एक प्रशासनिक पहल है, बल्कि यह मातृ एवं बाल पोषण को लेकर उत्तर प्रदेश की जन-नीति में एक स्थायी और सशक्त परिवर्तन की दिशा में निर्णायक कदम है।

इस अवसर पर प्रदेश के समस्त जनपदों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, पुरस्कृत आंगनबाड़ी कार्यकत्री आदि की उपस्थिति रही।

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