जिला गंगा समितियां जिलों में छोटी नदियों के कायाकल्प पर करें ध्यान केंद्रित – मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य गंगा समिति की 15 वीं बैठक संपन्न
कुकरैल नदी के कायाकल्प के लिए गाद निकालने के कार्य शुरू करने की अनुमति के लिए एनएमसीजी को आवश्यक दस्तावेज शीघ्र प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
लखनऊ:
 मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में राज्य गंगा समिति, उत्तर प्रदेश की 15वीं बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन से संबंधित किये जा रहे मुख्य कार्यों पर विचार- विमर्श किया गया।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग और राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उत्तर प्रदेश को कुकरैल नदी के कायाकल्प के लिए गाद निकालने के कार्य शुरू करने की अनुमति के लिए एनएमसीजी को आवश्यक दस्तावेज शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित जिला गंगा समितियों को निर्देश दिए कि वे नदियों से गाद और उनके किनारे विरासती कचरे को हटाने के लिए हस्तक्षेप के साथ अपने जिलों में छोटी नदियों के कायाकल्प पर ध्यान केंद्रित करें। प्राथमिकता के तौर पर गोमती, यमुना, आमी, वरुणा, काली ईस्ट, हरनंदी, आदि नदियों पर कार्य प्रारम्भ किया जाये।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राज्य स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा सभी सम्बंधित विभागों से समन्यव कर छोटी नदियों के कायाकल्प हेतु कार्ययोजना प्रस्तुत की जाये। यह कार्य कैंपेन मोड में क्रियान्वित की जाये जिसमे समुदाय की भागीदरी सुनिश्चित हो। समिति ने अयोध्या में सरयू/घाघरा नदी पर गुप्तार घाट के समीप एक महत्‌वपूर्ण सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पहल राम अनुभव केंद्र के विकास के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर विशेष महत्व दिया। परियोजना को अगले 7 वर्षों के लिए पहले दिए गए अनापत्ति के नवीनीकरण के लिए गंगा प्राधिकरण आदेश, 2016 की धारा 6 (3) के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को अग्रेसित करने की सिफारिश की गई। समिति ने गंगा प्राधिकरण आदेश, 2016 की धारा 6 (1), 6 (2), 6 (3) और 42 के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ‌द्वारा एनओसी देने के लिए 18 परियोजना प्रस्तावों की समीक्षा की और उन्हें एनएमसीजी ‌द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की सिफारिश की। इनमें प्रयागराज, उन्नाव, अयोध्या, लखनऊ, आगरा और सीतापुर की परियोजनाएं शामिल हैं।
 परियोजना निदेशक, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन उत्तर प्रदेश डॉ. राज शेखर ने समिति को विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर जानकारी दी। मुख्य सचिव ने इस दिशा में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और सभी प्रस्तुत प्रस्तावो पर स्वीकृति प्रदान की। समिति द्वारा कार्यसूची की सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया।
 राज्य गंगा समिति को महाकुंभ मेला 2025 के दौरान पर्याप्त स्वच्छता बुनियादी ढांचे और आईईसी गतिविधियों को सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उत्तर प्रदेश द्वारा किए गए विभिन्न प्रयासों से भी अवगत कराया गया। बैठक में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव श्री अनुराग श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

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