रामकथा सुनने मात्र से होते हैं कुविचार दूर – कौशलेंद्र दास शांडिल्य

अमरा भगवती में चल रहे रामकथा का दूसरा दिन 

नौगढ़ । क्षेत्र के शक्ति पीठ माता अमरा भगवती धाम परिसर में आयोजित नव दिवसीय नवान्ह पाठ महायज्ञ एवं संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथावाचक कौशलेंद्र दास शांडिल्य ने बताया कि भगवान भोलेनाथ प्रभु श्री रामचन्द्र के आराध्य देव हैं।जिनके नाम मात्र के ही उच्चारण से भगवान प्रसन्न होते हैं। श्री राम कथा सुनने से मन की सारी कुरीतियां राग दे्ष ईष्र्या और भेदभाव समाप्त हो जाते हैं। भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्री राम चन्द्र को आदर्श मानव का स्वरूप बतलाया।

कहा कि कथा के माध्यम से मन को शांति मिलकर हिंसक भावनाओं पर नियंत्रण होता है। मन व ध्यान को एकाग्र करके श्री राम कथा को सुनकर जीवन में उतारने पर बल देते हुए राम नाम की महिमा का वर्णन किया। बताया कि गंगा में स्नान करने से मन स्वच्छ होता है। लेकिन संतो का समाज चलता फिरता प्रयागराज है।

जिनके सत्संग से कष्ट और दोष दूर हो जाते हैं। शिव विवाह का प्रसंग सविस्तार सुनाते हुए कहा कि जटाओं का मुकुट धारण कर शिव जी के गण बारात में प्रस्थान किया। वहीं भगवान भोलेनाथ ने सांपो का कुंडल व कंगन पहन कर के शरीर पर विभूति लगा कर के वस्त्र के जगह बाघंबर छाल लपेट कर दूल्हा बनकर चल दिए।

जिन्हें देखकर हिमांचल नगरी में लोग आश्चर्य चकित हो गये। भगवान के इस रूप को देखने के लिए अनेकों देवता भी आए थे। इस अवसर पर काफी संख्या में क्षेत्रवासियों सहित जनपद सोनभद्र मिर्जापुर व बिहार राज्य के श्रद्धालु मौजूद रहे।

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