भ्रष्टाचार की दलदल में डूबी नौगढ़ तहसील, कब जागेगा प्रशासन 

रिश्वतखोर लेखपाल ने फिर दिखाई दबंगई, मांगी रिश्वत 

 नौगढ़। तहसील नौगढ़ में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा। हाल ही में लेखपाल अरविंद कुमार का ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक व्यक्ति से रिश्वत मांगता सुनाई दिया। मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि उसी लेखपाल ने एक बार फिर विशेषरपुर गांव श्याम सुंदर से अंश निर्धारण के नाम पर ₹5000 की मांग कर दी। जब पीड़ित ने ₹500 देने की कोशिश की, तो लेखपाल ने साफ कह दिया— “हमें ₹5000 चाहिए, नहीं तो तुम्हारा काम नहीं होगा। जहां जाना है, वहां शिकायत कर दो।” आपको बता दें इससे पहले अधिवक्ता बाबूलाल शर्मा के साथ दुर्व्यवहार का मामला भी सामने आ चुका है। इस घटना से नाराज अधिवक्ता अब न्यायिक कार्य से विरत हो गए हैं। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यानंद तिवारी ने साफ कहा है कि जब तक दोषी लेखपाल को निलंबित कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा तहसील में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी है कि बिना रिश्वत के कोई काम नहीं हो रहा है।

*क्या तहसील प्रशासन भी इस खेल में शामिल?

नौगढ़ तहसील में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लेखपाल खुलेआम रिश्वत मांग रहा है और तहसील में बैठे अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। सवाल उठता है— क्या तहसील प्रशासन भी इस खेल में शामिल है? अगर नहीं, तो अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

छोटे-छोटे सरकारी कामों के लिए आम लोगों को रिश्वत देनी पड़ रही है। जनता परेशान है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी बता रही है कि या तो वे लापरवाह हैं या फिर इस मिश्रण भ्रष्टाचार के हिस्सेदार। सवाल यही है— आखिर कब तक चलता रहेगा यह रिश्वतखोरी का खेल? क्या प्रशासन नींद से जागेगा, या फिर जनता को खुद सड़कों पर उतरकर जवाब मांगना होगा?

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *