विगत 08 वर्षों में राज्य की सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के परिणामस्वरूप प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं बदलीं – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य हेतु ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस अलंकरण’ से सम्मानित किया

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत 08 वर्षों में राज्य की सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के परिणामस्वरूप प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं बदली हैं। प्रदेश में दक्ष, न्यायप्रिय, पारदर्शी, जवाबदेह, जनसेवा के प्रति संवेदनशील पुलिस बल कानून का राज स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। जनता के मन में पुलिस के प्रति विश्वास की भावना उत्पन्न हुई है। इस कार्य के लिये हमने आउट ऑफ बॉक्स सोचा तथा प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा का एहसास कराया। देश के अनेक राज्य इस कार्यशैली का अनुकरण करने का प्रयास कर रहे हैं। मीडिया में इसे यू0पी0 मॉडल के नाम से जाना जाता है।
मुख्यमंत्री आज यहां पुलिस मुख्यालय में ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 के समापन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य हेतु ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस अलंकरण’ से सम्मानित किया।

वर्ष 2022 के लिए डी0आई0जी0 अलीगढ़ परिक्षेत्र प्रभाकर चौधरी, अपर पुलिस अधीक्षक अभिसूचना मुख्यालय उत्तर प्रदेश विनय चन्द्र, निरीक्षक मुरादाबाद रविन्द्र प्रताप सिंह, निरीक्षक अभिसूचना विभाग दिनेश कुमार डांडियाल, निरीक्षक यू0पी0पी0सी0एल0 गाजियाबाद मनु चौधरी, वर्ष 2023 के लिए डी0आई0जी0 आगरा परिक्षेत्र शैलेश कुमार पाण्डेय, अपर पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 विशाल विक्रम सिंह, निरीक्षक सीतापुर विशाल संगारी, मुख्य आरक्षी गौतमबुद्धनगर मनोज चिकारा, महिला आरक्षी सुश्री शैलेष कुंतल, वर्ष 2024 के लिए एस0एस0पी0 बरेली अनुराग आर्य, पुलिस उपाधीक्षक एस0टी0एफ0 विमल कुमार सिंह, मुख्य आरक्षी एस0टी0एफ0 अरुण कुमार, वर्ष 2025 के लिए पुलिस अधीक्षक सम्भल कृष्ण कुमार, पुलिस उपाधीक्षक एस0टी0एफ0 प्रेम शुक्ला, महिला आरक्षी कमिश्नरेट आगरा सुश्री प्रियांशी प्रजापति सम्मानित किये गये।
मुख्यमंत्री ने ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 के सफल आयोजन के लिए पुलिस महानिदेशक और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि ‘पुलिस मंथन’ सम्मेलन नीति निर्माण और क्रियान्वयन का आधार है। दो दिवसीय ‘पुलिस मंथन’ कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न-2047 के विकसित और आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप स्मार्ट पुलिसिंग के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु रोडमैप तैयार करने में सहायक साबित होगा। इस सम्मेलन में 11 सत्रों में की गयी चर्चा हमारी भावी कार्ययोजना और रणनीति के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण नहीं होता, तो यहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत नहीं होता। देश के 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश में हैं। यहां देश का सबसे बड़ा एयर कनेक्टिविटी नेटवर्क है। प्रदेश में देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का शुभारम्भ अगले महीने होने जा रहा है। प्रदेश में 16,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क है, जो देश में सर्वाधिक है। यहां सबसे ज्यादा शहरों में मेट्रो ट्रेनों का संचालन हो रहा है। प्रदेश में देश की पहली रैपिड रेल और पहले वॉटर-वे का संचालन हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सुरक्षा के वातावरण तथा रूल ऑफ लॉ के परिणामस्वरूप यहां देश-विदेश का प्रत्येक व्यक्ति निवेश करने को तैयार है। ऐसा इसलिए सम्भव हो सका, क्योंकि निवेशकों को विश्वास है कि उनके साथ यहां किसी स्तर पर धोखा नहीं होगा। प्रदेश में आ रहा निवेश रोजगार का माध्यम बन रहा है। प्रदेश सरकार यहां के प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान कर रही है। यदि किसी ने कानून से खिलवाड़ करने की कोशिश की, तो उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मंथन में प्राप्त प्रत्येक सुझाव का फॉलोअप व चुनौतियों पर रणनीति बनाते हुये और प्रत्येक निर्णय का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। इस सम्मेलन को प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाना चाहिए। आने वाली चुनौतियां कानून-व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, साइबर अपराध और सामाजिक स्थिरता से जुड़ी होंगी। ऐसे में समय, तकनीक और रणनीति तीनों पर समान ध्यान देना होगा। इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण, निदेशक एस0पी0जी0 आलोक शर्मा, पुलिस महानिदेशक कारागार श्री पी0सी0 मीणा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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