सांस्कृतिक नगरी मे सम्पन्न हुआ बंगाल और उत्तर प्रदेश के कलाकारो का संगम 

वाराणसी। जहां चारों दिशाओं से मां गंगा बहती हों जहा काशी करवट हों, जहा संकट को हरने वाले संकटमोचन हो, जहा मां अन्नपूर्णा का वास हो वैसी सांस्कृतिक नगरी में  पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर की सांस्कृतिक व सामाजिक संस्था अस्मिता नाट्य संस्थान ने वाराणसी के दुर्गाकुण्ड पर स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार अन्ध विद्यालय मे काशी काव्य एवं नृत्य गंगा उत्सव नामक कार्यक्रम अपने आयोजकत्व में 27 दिसम्बर को जाते हुए वर्ष और आने वाले नववर्ष के स्वागत करने के उद्देश्य से किया गया।कार्यक्रम का उद्धघाटन प्रमुख व्यवसाई व समाजसेवी आनन्द तोदी मुख्य अतिथि, हंसराज विश्वकर्मा सदस्य विधान परिषद विशिष्ठ अतिथि राज कुमार जायसवाल पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी चकिया ,घनश्याम विश्वकर्मा, रतन लाल श्रीवास्तव  समाजसेवी अशोक कनोडिया ने मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया।

उद्दघाटन करते हुए आनन्द तोदी जी ने कहा कि-आज काशी विश्वनाथ की नगरी मे आए हुए तमाम कलाकार अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर सकते हैं कि उनके कला का प्रदर्शन आज उस शहर मे है जिसे विश्व की सांस्कृतिक नगरी कहा जाता है।मुख्य अतिथि विधायक हंसराज विश्वकर्मा ने कहा कि ऐसा अद्भभुत कला का संगम आज देखने को मिल रहा है,सभी कलाकार एक से बढ़कर एक है और सभी अपने फन मे माहिर है। ऐसा कार्यक्रम निजी आयोजकों को करवाते देख कर मै अभिभूत हूं। साथ मे कोलकाता से आए विधान चन्द्र दास (नेशनल कल्चरल प्रोग्रामर ) ने कहा कि कला की कोई भाषा नही होती, जैसे पानी का कोई रंग नही होता।हर रंग रूप मे कलाकार ढल जाता है

और आज बाबा की नगरी मे हम कलाकार अपने कला संस्कृति का आदान प्रदान करने आए है। नूपूर मजूमदार ,भाग्यश्री बन्दोपाध्याय समीर पाल व सुनिल चतुर्वेदी और मेघा दीप दास ने  सयुक्त रूप से प्रतियोगिता मे प्रतिभागियों का मूल्यांकन करनिर्णय सुनाया।

आयोजन समिति के अध्यक्ष  डा० राजकुमार गुप्ता महासचिव विजय कुमार गुप्ता ने सयुक्त रूप से कहा कि आज सरकार से यही माॅग है कि कलाकार एक राज्य से दूसरे राज्य तक  अपने हुनर का प्रदर्शन करने के लिये सफर करता है परन्तु सरकार द्वारा जो रेलवे कन्सेशन पास कोरोना काल मे बन्द किया गया है उसे अभिलम्ब आरम्भ करे ताकि कला का प्रदर्शन  अत्याधिक हो सके।आज अव्यवसायिक संस्थाएं दम तोड़ रही हैं। इस प्रतियोगिता मे भरत नाट्यम ,कुचीपुरी ,कथकली, विहू नृत्य, लावड़ी हर तरह की प्रस्तुति की गई इसके साथ ही ड्राईग कम्पटीशन भी हुआ काशी सम्मान से सगून शर्मा (कोलकाता) 

जैना बूर्देवा (झारखंड) गोजीता दास (न्यू दिल्ली)को सम्मानित किया गया।प्रतियोगिता आरम्भ से पहले काशी के कवि पं०इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक के संयोजन मे काव्य पाठ का आयोजन किया गया जिसमे चिन्तित बनारसी,सुभाष चन्द्र मौर्या, चिन्मय चटर्जी,और फायर बनारसी तथा महिला कवियत्रि चेतना तिवारी, ने काब्य पाठ करके काशी की परम्परा का निर्वाह किया। निक्की गुप्ता और संजय शर्मा ने आगन्तुक कलाकारों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रमोद अग्रहरि ने किया।

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