माघ मेला में आने वाले संत – महात्माओं एवं श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की न हो असुविधा – एस.पी.गोयल

मुख्य सचिव ने प्रयागराज माघ मेला-2026 की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की, सभी कार्य समय से पूर्ण कराने के दिए सख्त निर्देश, जहां कहीं भी कार्य पीछे चल रहा हो, वहां लाई जाए प्रगति
माघ मेला-2026 में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना
लखनऊ।
 उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने आज प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला-2026 की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में मेला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, विद्युत, स्वास्थ्य, पुलिस एवं अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि माघ मेला-2026 से जुड़े सभी कार्य मेले प्रारम्भ होने से पूर्व अनिवार्य रूप से पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों द्वारा निरंतर मौके पर जाकर पर्यवेक्षण किया जाए तथा जहां कहीं भी कार्य पीछे चल रहा हो, वहां तत्काल प्रगति लाई जाए। सभी निर्माण एवं व्यवस्थाएं गुणवत्ता मानकों के अनुरूप एवं निर्धारित समय-सीमा में पूरी हों, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आने वाले संत-महात्माओं, तीर्थयात्रियों एवं श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
स्वच्छता पर विशेष बल देते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में स्वच्छता व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन हेतु सभी प्रमुख मार्गों एवं स्थानों पर पर्याप्त संख्या में साइनेज लगाए जाएं। मेला क्षेत्र में स्थापित होने वाले अस्थायी चिकित्सालयों में सभी आवश्यक दवाइयां एवं उपकरण पहले से ही उपलब्ध रहें तथा चिकित्सकों व पैरा-मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी समय से पूर्व निर्धारित कर ली जाए। मुख्य सचिव ने मेला क्षेत्र में बनने वाले सभी कैम्पों में विद्युत एवं पेयजल कनेक्शन शत-प्रतिशत पूरे करने के निर्देश दिए। विद्युत आपूर्ति पूरी तरह सुरक्षित हो तथा फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। फायर टेंडर, अग्निशमन यंत्र एवं प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती पहले से ही सुनिश्चित की जाए।
इससे पहले बताया गया कि माघ मेला-2026, जो 03 जनवरी 2026 से 15 फरवरी 2026 तक चलेगा, में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले संत-महात्माओं एवं श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए इस बार मेले को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए व्यापक विस्तार किया जा रहा है। स्नान घाट की लंबाई वर्ष 2024 के दो किलोमीटर से बढ़ाकर 2.8 किलोमीटर की जा रही है, जिसमें 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सेक्टरों की संख्या 05 से बढ़ाकर 07, मेला क्षेत्रफल 750 हेक्टेयर से बढ़ाकर 800 हेक्टेयर, पार्किंग स्थल 30 से बढ़ाकर 42, पॉन्टून पुल 06 से बढ़ाकर 07 तथा संस्थाओं की संख्या 4599 से बढ़ाकर 4900 की जा रही है।
स्वच्छता के विशेष प्रबंध करते हुए मेला क्षेत्र में 23700 सामुदायिक शौचालय, 2000 यूरिनल, 06 सामुदायिक कंटेनर शौचालय, कूड़ा उठान के लिए 25 हॉपर-टिपर, 12 कॉम्पैक्टर तथा 8000 कूड़ेदान स्थापित किए जाएंगे।
विद्युत विभाग ने आश्वासन दिया कि विद्युतीकरण के सभी कार्य 15 दिसंबर 2025 तक पूरे कर लिए जाएंगे। निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) तथा सभी विद्युत पोलों पर क्यूआर कोड लगाया जा रहा है।
चिकित्सा व्यवस्था के अंतर्गत 20-20 शैय्या वाले दो अस्पताल, 12 प्राथमिक उपचार केंद्र, 50 एम्बुलेंस, 05 आयुर्वेदिक तथा 05 होम्योपैथिक चिकित्सालय 25 दिसंबर 2025 से क्रियाशील रहेंगे। भूमि आवंटन एवं बसावट का कार्य तथा समस्त आवश्यक अवसंरचना 15 दिसंबर 2025 तक पूर्ण कर ली जाएगी।  बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित कुमार घोष, प्रमुख सचिव पर्यटन अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव नगर विकास पी.गुरुप्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अमिताभ यश, मंडलायुक्त श्रीमती सौम्या अग्रवाल, मेला अधिकारी ऋषिराज, नगर आयुक्त प्रयागराज सीलम साईं तेजा सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारीगण तथा वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रयागराज के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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