अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय सांस्कृतिक पहचान का नया अध्याय – जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश कैबिनेट बैठक ने प्रदेश के पर्यटन परिदृश्य को नई गति देने वाले तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को हरी झंडी दी

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई उत्तर प्रदेश कैबिनेट बैठक ने प्रदेश के पर्यटन परिदृश्य को नई गति देने वाले तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी। बैठक में अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन के प्रस्ताव के साथ-साथ उत्तर प्रदेश अधीनस्थ पर्यटन सेवा नियमावली 2025 को मंजूरी और बागपत में अंतरराष्ट्रीय योग एवं वेलनेस सेंटर की स्थापना के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने तीनों प्रस्तावों पर कैबिनेट की सहमति को प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए ऐतिहासिक कदम बताया है। 

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने अयोध्या में एक अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय निर्णय का मार्ग प्रशस्त किया है। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण, रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा और धर्म ध्वजा स्थापना के बाद से अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अयोध्या धाम में एक बड़े सांस्कृतिक संग्रहालय की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी, जिसे सरकार ने मंजूरी दी।

मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के अनुपालन में ग्राम मांझा जमधरा, तहसील सदर, जनपद अयोध्या की नजूल भूमि पर टाटा ग्रुप के सहयोग से सीएसआर फंड के माध्यम से विश्व स्तरीय मंदिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन हेतु एक त्रिपक्षीय एमओयू 03 सितम्बर 2024 को हस्ताक्षरित किया गया। मात्र 01 रुपए वार्षिक धनराशि पर 90 वर्षों के लिए आवंटित 25 एकड़ भूमि के साथ-साथ कुल 52.102 एकड़ का निःशुल्क हस्तांतरण पर्यटन विभाग के पक्ष में प्रस्तावित है। 

टाटा समूह द्वारा बनाए जाने वाले विश्व स्तरीय संग्रहालय का उद्देश्य प्राचीन मंदिर वास्तुकला शैलियों का विकास, सिद्धांतों, क्षेत्रीय शैलियों और साहित्य कलात्मक और ऐतिहासिक रुचियों के वस्तुओं आदि का व्यापक प्रदर्शन करना है। यह संग्रहालय अयोध्या आने वालों के लिए सुखद अनुभूति प्रदान करेगा। मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि श्राज्य सरकार का लक्ष्य अयोध्या को विश्वस्तरीय सुविधाओं के आधार पर संस्कृति और आस्था के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि नई भर्ती नियमावली और अंतरराष्ट्रीय योग एवं वेलनेस सेंटर के जरिए पर्यटन सेवाएं अधिक दक्ष, जवाबदेह और जन-उन्मुख बन सकेंगी। कैबिनेट के निर्णयों के साथ उत्तर प्रदेश एक समृद्ध पर्यटन अनुभव और अधिक संगठित, जन-केंद्रित पर्यटन प्रणाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *