विश्व एड्स दिवस पर बनारस में एड्स मरीजों की बढ़ती संख्या पर मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में आयोजित की गई जागरूकता सभा
वाराणसी। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर बनारस क्वीयर प्राइड के तत्वावधान में शहर में पहली बार एचआईवी/एड्स जागरूकता यात्रा और सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना और शहर में लगातार बढ़ रहे एचआईवी मामलों में नियंत्रण लाना रहा।
उल्लेखनीय है कि दिनदयाल उपाध्यक्ष जिला चिकित्सालय के अगस्त महीने के रिपोर्ट के अनुसार पांच महीने के अंदर एचआईवी के 100 पाज़िटिव मामले सामने आए हैं।बनारस क्विर प्राइड के तत्वावधान में आयोजित यात्रा की शुरुआत टैन के संचालन में आज़ाद पार्क, लहुराबीर से हुई। यात्रा के दौरान प्रतिभागियों ने इन प्रभावशाली नारों के साथ जागरूकता का संदेश दिया— कंडोम अपनाओ, एचआईवी को दूर भगाओ; बेधड़क टेस्ट करवाओ, एचआईवी को दूर भगाओ; अपनी जाँच कराएँगे — एड्स को दूर भगाएँगे; भ्रांतियाँ मिटा दो ज़माने से — एड्स नहीं फैलता गले लगाने से; भ्रांतियां मिटा दो जमाने से, एड्स नहीं फैलता साथ खाने से; आओ मिलकर कसम खाएँ — एचआईवी–एड्स को जड़ से मिटाएँ; नई सुई–सिरिंज अपनाओ, एचआईवी को दूर भगाओ; सुरक्षित कदम — एड्स ख़त्म; सुरक्षित संबंध, एड्स खत्म; काशी बोले एक आवाज़ — एड्स है लाइलाज; और एड्स का वार: जागरूकता की ढाल; एड्स का वार: कंडोम की ढाल; एड्स का वार: नई सुई की ढाल’ जैसे संदेशों ने यात्रा को और प्रभावशाली बनाया।
यात्रा के उपरांत श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय जिला चिकित्सालय, वाराणसी के प्रांगण में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसका संचालन नीति द्वारा किया गया। सभा की औपचारिक शुरुआत अनन्या मिथि ने क्वीयर आंदोलन और बनारस क्वीयर प्राइड के इतिहास के बारे में बताकर किया। सभा में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे कबीरचौरा चिकित्सालय के निरीक्षक डॉ मुकुंद श्रीवास्तव मौजूद रहे। अस्पताल के फार्मेसिस्ट डॉ जितेंद्र पटेल तथा पैथोलॉजिस्ट डॉ इक़बाल, परामर्शदाता डॉ मनिषा और ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ संजीव कुमार सिंह की विशिष्ट उपस्थित रही।

डॉ मनिषा ने अपने वक्तव्य में एचआईवी और एड्स के विषय में समझाते हुए एचआईवी होने के मूल कारणों को समझाया और कहा कि, “एचआईवी और एड्स कोई बीमारी नहीं है। लेकिन समाज में बहुत सारी भ्रांतियां फैली हुई है। लेकिन इसके बारे में आगर हम सही जानकारी ले लें तो इससे हम बच सकते हैं। वहीं पैथोलॉजिस्ट जितेंद्र ने भेदभाव के खिलाफ बोलते हुए कहा कि “एचआईवी पॉजिटिव कोई व्यक्ति अगर सही तरीके से दवाई लेते रहे तो एक सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। इसलिए भेदभाव का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।”इसी कड़ी में सभा के मुख्य वक्ता डॉ इक़बाल ने बनारस क्वीयर प्राइड के इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि “यह कदम नहीं रुकनी चाहिए। पहले समाज एचआईवी और क्वीयर व्यक्तियों के विषय में बात भी नहीं करते थे। लेकिन आज यह आवाज शहर में उठाया गया है। यह स्वागतयोग्य पहल है। “
डां मुकुंद जी ने एचआईवी और LGBTQ+ समुदाय के संबंधित अतीत के भ्रांतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि “आज हम इस बैठक में बैठे हैं यह सबसे बड़ा बदलाव हैं। पहले लोग एक बार मास्टरबेशन या सेक्स करके समझते थे कि एड्स हो गया है और अस्पताल आते भी हैं तो आके छुपकर अपनी बात करते थे। लेकिन आज आप लोग खुलकर यहां आए हैं और इसी तरह बदलाव आएगा। दीक्षा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस कार्यक्रम के आयोजन में अनेक संस्थाओं ने सक्रिय रूप से बनारस क्वीयर प्राइड का साथ निभाया। जिनमें प्रिज्मैटिक फाउंडेशन, एशियन ब्रिज इंडिया, दामिनी, उड़ान, अस्मिता, सोहार्द, वनस्टाप सेंटर, प्रगतिपथ फाउंडेशन, दखल, चेतगंज थाना और श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय जिला चिकित्सालय प्रमुख रहे। कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालन करने में स्वयंसेवकों के रूप में मूसा आज़मी, रुमान, आर्या, साहिल, अफसाना, सुमन, नैंसी, चंदन, असिम, अरविंद, मनोज श्रीवास्तव, धनंजय, अल्का , कैलाश, बन्नी, कृष्णा, सैम, अनामिका, श्रेया, राधा, टेन, अनु श्रीवास्तव और सौरभ सहित सैकड़ों लोगों की सक्रिय भागीदारी रही। इस जागरूकता यात्रा और सभा के माध्यम से बनारस क्वीयर प्राइड ने यह संदेश दिया कि एचआईवी/एड्स को रोकने के लिए समय पर जाँच, सुरक्षित व्यवहार और सही जानकारी सबसे ज़रूरी हैं। साथ ही, समाज में मौजूद भ्रांतियों और भेदभाव को कम करके ही हम सभी एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण बना सकते हैं।

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