राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के इस्पात जनरल अस्पताल (आईजीएच) में 80 वर्षीय महिला के बाएं घुटने का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया गया। इस जटिल शल्य चिकित्सा प्रक्रिया को अनुभवी डॉक्टरों की एक टीम ने अंजाम दिया, जिसका नेतृत्व अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अस्थि-रोग विभाग के प्रमुख, डॉ. एस के तिवारी ने किया । शल्य क्रिया के दौरान एनेस्थीसिया सहायता, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एनेस्थीसिया), डॉ. एम. सामंतराय द्वारा प्रदान की गई। मरीज की उम्र और उससे जुड़ी स्वास्थ्य स्थितियों को देखते हुए, शल्य चिकित्सा में काफी चुनौतियाँ थीं। हालांकि, विशेषज्ञ मेडिकल टीम ने प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और मरीज अब तेजी से ठीक हो रही है। गंभीर घुटना घिसाव (डिजेनेरेशन) से पीड़ित और दोनों घुटनों के प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाली वृद्ध महिला, ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “मुझे नया जीवन देने के लिए मैं मेडिकल टीम की बेहद आभारी हूँ। इस शल्य चिकित्सा ने मुझे जल्द ही दाहिने घुटने के प्रतिस्थापन के लिए आगे बढ़ने का आत्मविश्वास दिया है।”
आईजीच में पैरामेडिकल स्टाफ सदस्य और मरीज की बेटी सुश्री पवित्रा सामल ने कहा, “शुरू में हम अपनी मां की उम्र के कारण झिझक रहे थे, लेकिन डॉक्टरों ने हमें आश्वस्त किया। उनकी गतिशीलता को बहाल करने और लंबे समय से चले आ रहे दर्द से राहत दिलाने के लिए हम उनके बेहद आभारी हैं।” गौरतलब है कि, घुटनों का ऑस्टियोआर्थराइटिस (गठिया), जो कार्टिलेज के क्षरण के कारण होता है, बढ़ती उम्र के साथ आम और तकलीफदेह समस्या बनता जा रहा है। बेहद बढ़े हुए मामलों में अक्सर कुल घुटने के प्रतिस्थापन की आवश्यकता होती है, जो एक जटिल शल्य प्रक्रिया है जिसके लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। आईजीएच दो दशकों से अधिक समय से इन शल्य प्रक्रिया को करने में सबसे आगे रहा है और दूरस्थ व महंगे अस्पतालों में इलाज की आवश्यकता के बिना अब मरीज को उन्नत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहा है। अस्पताल अपनी विश्वसनीय सेवा के लिए प्रसिद्ध है और जीवन में आशा, गतिशीलता और नया विश्वास लौटाने में निरंतर प्रयासरत है।

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