सशक्त और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में हम बढ़ रहे आगे : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

*मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर अंबिकापुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया* 

*नक्सल प्रभावित क्षेत्र में खुली विकास की नई राह: जल्द ही नक्सल आतंक से पूरी तरह मुक्त होगा बस्तर*

रायपुर / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संयुक्त परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर आम जनता के नाम संदेश का वाचन किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।  

मुख्यमंत्री श्री साय ने गणतंत्र दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि  आज का दिन हम सबके लिए अत्यंत गौरवशाली है। आज हम देश के गणतंत्र का उत्सव मना रहे हैं। इसके पीछे उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बलिदान है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई, उन संविधान निर्माताओं का योगदान है, जिन्होंने इस संविधान के माध्यम से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया। उन विभूतियों का योगदान है, जो संविधान की रक्षा के लिए हमेशा डटे रहे तथा संविधान के मूल्यों पर चलकर अंत्योदय का कल्याण करते रहे। नक्सलवाद से लड़ते हुए देश की एकता और अखण्डता के लिए अनेक जवानों ने अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, ताकि हम सुरक्षित रह सकें और समाज में शांति स्थापित हो सके। इन जवानों की शहादत को मैं शत्-शत् नमन करता हूं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का संविधान एक पवित्र दस्तावेज है। यह वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से प्रेरित है। इसे एक ऐसे राष्ट्र के नागरिकों ने तैयार किया, जिनकी भावनाओं के मूल में विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण की सोच है। हमारी आजादी की लड़ाई की सोच हमारे संविधान में पूरी तरह से झलकती है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में जब हमारे छत्तीसगढ़ से संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य संविधान तैयार कर रहे थे, तब निश्चय ही उनके सामने बाबा गुरु घासीदास जी के समतामूलक संदेश, शहीद वीरनारायण सिंह जी के संघर्ष की गाथा और पंडित सुंदरलाल शर्मा जी का छूआछूत विरोधी संघर्ष जैसे आदर्श रहे होंगे। इन सभी के विचारों को बाबा साहेब ने अंतिम ड्राफ्ट के रूप में बहुत सुंदरता से पिरोया था।

इस गणतंत्र की धरोहर को सुरक्षित रखने और सहेजने-संवारने की जिम्मेदारी हमारी और भावी पीढ़ी के हाथों में है। हमारा गणतंत्र हमें सत्यमेव जयते की सीख देता है। मुंडकोपनिषद का यह सूत्र वाक्य हमें बताता है कि अंधेरा कितना भी घना क्यों न हो, हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। अंततः विजय सत्य की ही होती है। हमारे गणतंत्र की इस भावना की विजय हमने गंभीर नक्सलग्रस्त इलाकों में देखी है। 

इन इलाकों में माओवाद ने अपनी हिंसक विचारधारा से न केवल आम आदमी के जीवन को नरक बना दिया था अपितु भारत के गणतंत्र को चुनौती देने के लिए गनतंत्र खड़े करने की योजना बनाकर काम कर रहे थे। हमारे सुरक्षा बलों का इनसे लगातार संघर्ष चल रहा है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नई रणनीति बनाकर हमने माओवाद के कैंसर को नष्ट करने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंक से मुक्ति के साथ ही बस्तर में नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास की राह भी खुल गई है। इसका माध्यम हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्ला नार योजना बनी है। अरसे बाद स्कूलों में घंटियां गूंजी, पानी-बिजली का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हुआ। आधार कार्ड बने और आयुष्मान कार्ड भी बन गये। बस्तर अब उमंग से भरा हुआ है। हमने यहां बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया। पूरे बस्तर से 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें नक्सल हिंसा से प्रभावित परिजन भी थे। आत्मसमर्पित नक्सली भी थे और नक्सल हिंसा में अपने अंग गंवा चुके दिव्यांगजन भी थे। खेलों के इस महाकुंभ में खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था, हम सबके लिए यह बहुत भावुक क्षण था, बस्तर ओलंपिक नये बस्तर की पहचान बन गया।

किसान परिवार से आने वाले लोगों ने खेती का वो वक्त भी देखा है जब कड़ी मेहनत से धान उपजाने के बाद मंडियों में किसान भाई धान लेकर जाते थे, तो औने-पौने में धान बेचकर आना पड़ता था। बहुत मुश्किल से परिवार चलता था। खरीफ के बाद उनके पास दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था। श्रद्धेय अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, तो धान खरीदी की व्यवस्था भी आरंभ हुई। धान के कटोरे में कोई भी भूखा न सोये, इसके लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना भी आरंभ हुई। यह काम इतने व्यवस्थित तरीके से हुआ कि छत्तीसगढ़ देश में खाद्य सुरक्षा का माडल राज्य बन गया।

मुझे याद आता है कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद शुरूआती दौर में धान खरीदी लगभग 4.63 लाख मीट्रिक टन के आसपास हुई। पिछली बार यह आंकड़ा 145 लाख मीट्रिक टन को छू गया। यह इसलिए हुआ कि हमारी सरकार किसान भाइयों को धान का सबसे अच्छा मूल्य दे रही है। हमने किसान भाइयों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ में धान खरीदा। किसानों से किये वायदे के अनुरूप हमने 13 लाख किसानों को दो साल का बकाया बोनस भी दिया। इन सबके चलते पिछले सत्र में हमने किसान भाइयों के खाते में 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किये। लगभग ढाई माह से राज्य में तेजी से धान खरीदी चल रही है। किसानों के खाते में हम लगातार समर्थन मूल्य की राशि दे रहे हैं।छत्तीसगढ़ के किसान आज बेहद खुशहाल हैं। पलायन रूका है और किसान, खेती में निवेश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें खेती से अच्छी आय मिल रही है।

*नई उद्योग नीति से प्रदेश में बना निवेश का बेहतर वातावरण*

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा- हमारी धरती रत्नगर्भा है। खनिज संपदा के मामले में छत्तीसगढ़ अतुलनीय है। कोयले और लोहे के उत्पादन में हम देश में दूसरे स्थान पर हैं। देश के बाक्साइट भंडार का 20 फीसदी हमारे यहां है। सारी दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपना रही है और भारत भी इसमें पीछे नहीं है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए लीथियम की जरूरत होती है और इसके भंडार हमारे कोरबा, सुकमा और बस्तर जिले में है।

इन खनिज संसाधनों का दोहन राज्य के आर्थिक विकास के लिए हो, इस जरूरत को पूरा करने हमारी सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है। आज छत्तीसगढ़ में कहीं भी चले जाइये, शानदार चौड़ी सड़कें, फ्लाईओवर से आपका स्वागत होगा। रांची, हैदराबाद और विशाखापट्नम जैसे शहरों से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो जाएगा तो यह कनेक्टिविटी अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच जाएगी।

*पांच सालों में ढाई लाख करोड़ रूपए के निवेश का लक्ष्य*  

नई औद्योगिक नीति में हमने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहन दें, जिनके लिए छत्तीसगढ़ की विशिष्टताओं के अनुरूप आगे बढ़ने की भरपूर संभावनाएं हों। क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए मोदी जी ने वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इससे कार्बन उत्सर्जन कम करने वाली टेक्नालाजी अर्थात ग्रीन उद्यमों के लिए बड़ी संभावनाएं बनी हैं। नई उद्योग नीति में हमने इसके लिए निवेश प्रोत्साहन पैकेज रखा है। छत्तीसगढ़ में उद्यमी अब ग्रीन स्टील की ओर फोकस कर रहे हैं। नई उद्योग नीति से इसके लिए बेहतर वातावरण बन रहा है। इस बात का अनुमान है, कि अगले पांच वर्षों में प्रदेश में ढाई लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा और इसके चलते पांच लाख नये रोजगार सृजित होंगे। हम अटल नगर, नवा रायपुर को आईटी हब के रूप में तैयार कर रहे हैं और तेजी से आईटी कंपनियां यहां निवेश के लिए सामने आ रही हैं। यहां पर हम 14 एकड़ में एआई डाटा सेंटर भी बना रहे हैं, इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेगा। राज्य के युवाओं को वित्तीय बाजारों के लिए प्रशिक्षित करने और इसके माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने शासन द्वारा नेशनल स्टाक एक्सचेंज के साथ छात्र स्किलिंग प्रोग्राम के लिए एमओयू करने का निर्णय लिया गया है। यह प्रशिक्षण हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी और कालेज के विद्यार्थियों के लिए संचालित किया जाएगा।

*पर्यटन को मिला बढ़ावा* 

नई उद्योग नीति में हमने छत्तीसगढ़ की पर्यटन संभावनाओं का भी पूरा ध्यान रखा है। हमारे यहां एशिया का नियाग्रा कहा जाने वाला चित्रकोट जलप्रपात है। कांगेर घाटी में कोटमसर जैसी विलक्षण गुफाएं हैं। यहां धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन ने बेस्ट टूरिज्म विलेज के रूप में चुना है। सरगुजा में रामगढ़ की पहाड़ियां हैं, जहां के विलक्षण प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत होकर महाकवि कालिदास के मन में अपने महान खंडकाव्य मेघदूतं को लिखने का विचार आया। जशपुर में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर महादेव हैं। देश के पर्यटन नक्शे में गुरु घासीदास तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व भी आ गया है। हमारी सरकार ने देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाकर न केवल बाघों के संरक्षण के लिए कार्य किया है अपितु इससे इको टूरिज्म की संभावनाओं में भी कई गुना वृद्धि कर दी है। 

*वन एवं वृक्ष आवरण में देश में सर्वाधिक वृद्धि* 

अपनी प्राकृतिक संपदा को न केवल हम सहेजे हुए हैं अपितु उसका निरंतर संवर्धन भी कर रहे हैं। वन पारिस्थितिकी सेवा को हमने ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल की है। अभी हाल ही में भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट आई है, इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 684 वर्ग किलोमीटर संयुक्त वन एवं वृक्ष आवरण की वृद्धि हुई है जो देश में सबसे ज्यादा रही है।

*एयर कनेक्टिविटी में इजाफा* 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश की जनजातीय संस्कृति भी विलक्षण है। यहां पर्यटन की अधोसंरचना उपलब्ध कराने हमने होम-स्टे की सुविधा देने वाले उद्यमियों को विशेष अनुदान देने का निर्णय लिया है। कुछ महीनों पहले अंबिकापुर में माँ महामाया एयरपोर्ट का शुभारंभ किया गया। जगदलपुर और अंबिकापुर एयरपोर्ट अब विमानन मानचित्र में आ गये हैं। एयर कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध होने से पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां आकर्षित होंगे। रायपुर-बिलासपुर-अंबिकापुर विमान सेवा आरंभ होने से स्थानीय पर्यटकों को भी काफी सुविधा मिल रही है। पर्यटन अधोसंरचना का सीधा लाभ, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ने के रूप में होगा।

*पीएससी पर लौटा युवाओं का भरोसा*

उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से है। पीएससी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार की जांच का कार्य हमने सीबीआई को सौंपा है और सीबीआई इस मामले में पुख्ता कार्रवाई कर रही है। हमने पीएससी परीक्षा में पारदर्शिता लाने इसे यूपीएससी की तर्ज पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से युवाओं का भरोसा पीएससी की परीक्षा में लौट आया है। हमने यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिल्ली में ट्राइबल यूथ हास्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी है। हम रायपुर के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 अन्य नगरीय निकायों में ऐसी ही लाइब्रेरी बनवा रहे हैं। शासकीय सेवा के 9 हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

*प्रधानमंत्री आवास का बढ़ा दायरा*  

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने एक साल पूरे कर लिये हैं। इस अवधि में हमने अपने अधिकांश वायदों को पूरा कर दिया है। कैबिनेट की पहली ही बैठक में हमने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी। इन पर तेजी से काम हो रहा है। अपना घर जीवन का सबसे बड़ा सपना होता है। राज्य के लिए नये वित्तीय वर्ष हेतु तीन लाख अतिरिक्त पीएम आवास की स्वीकृति भी मिली है, इसके लिए मार्च तक सर्वे हो जाएगा। अब उन लोगों को भी पीएम आवास मिल सकेगा, जिसके पास टू व्हीलर है। उनको भी मकान मिल सकेगा, जिसने पास ढाई एकड़ तक सिंचित जमीन और पांच एकड़ तक असिंचित जमीन है। उनको भी मकान मिल सकेगा, जिनकी आय 15 हजार रूपए महीना तक है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 के अंतर्गत 1 लाख 32 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित करने राज्यांश का भी हमने अनुमोदन कर दिया है।

हमें इस बात का संतोष है कि हम लाखों लोगों के गृह प्रवेश का माध्यम बन सके हैं। हमारी सरकार ने जरूरतमंद 68 लाख परिवारों को पांच साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय भी लिया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए संग्रहण दर 4 हजार रुपए से बढ़ाकर हमने साढ़े 5 हजार रुपए कर दिया है।

*सशक्त महिलाएं सशक्त छत्तीसगढ़*

छत्तीसगढ़ महतारी को संवारने में, बड़ी भूमिका हमारी मातृशक्ति की है। वे हर दिन कड़ी मेहनत कर, विकसित छत्तीसगढ़ की नींव रख रही हैं। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करना हमारा संकल्प है। इसके लिए हमने सरकार गठन के तीन महीने के भीतर ही महतारी वंदन योजना का क्रियान्वयन आरंभ कर दिया। करीब 70 लाख माताओं-बहनों को अब तक हम इस योजना की ग्यारह किश्त दे चुके हैं। हर माह की पहली तारीख को हम महतारी वंदन योजना के रूप में माताओं-बहनों के लिए खुशियों का रिचार्ज कर देते हैं। यह राशि उनके बजट को व्यवस्थित करने में, अपने सपनों को पूरा करने में मदद करती है। यह महिलाओं की अपनी निधि है, वे इसे अपनी इच्छा से खर्च कर रही हैं।

*प्रदेश के 77 लाख 20 हजार परिवारों को मिली स्वास्थ्य सुरक्षा*

हमारी भारतीय परंपरा में आशीर्वाद देने पर लंबी आयु की कामना करते हुए आयुष्मान भवः कहा जाता है। लोगों की दीर्घायु और उनके अच्छे स्वास्थ्य से जुड़े सरोकार, हमारे लिए सर्वाेच्च प्राथमिकता हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना अंतर्गत प्रदेश के 77 लाख 20 हजार परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की गई है।

*छत्तीसगढ़ बनेगा मेडिकल टूरिज्म का केंद्र*

हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब बनाना है, ताकि न केवल हमारे सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में छत्तीसगढ़ के नागरिकों का इलाज हो सके अपितु छत्तीसगढ़ मेडिकल टूरिज्म के भी महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित हो। इसके लिए हमने अटल नगर नवा रायपुर में 200 एकड़ भूमि चिन्हांकित की है। यहां मेडिसिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 हजार बेड वाला अत्याधुनिक अस्पताल बनेगा।  अटल नगर नवा रायपुर में हम 141 एकड़ भूमि पर फार्मास्युटिकल पार्क भी स्थापित कर रहे हैं। इससे अटल नगर नवा रायपुर, मध्य भारत का फार्मास्युटिकल हब के रूप में उभरेगा। 

बिलासपुर में 200 करोड़ रुपए की लागत से सिम्स के विस्तार का कार्य शुरू कर दिया गया है। राजधानी रायपुर के अंबेडकर हास्पिटल में भी 700 बिस्तर अस्पताल के विस्तार के लिए हमने 231 करोड़ रुपए का टेंडर जारी कर दिया है।

*हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा*

*रजत जयंती पर छत्तीसगढ़ मना रहा अटल निर्माण वर्ष*

हमारा प्रदेश इस वर्ष अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रहा है। संयोग से यह वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है। इस अवसर को हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं। श्रद्धेय अटल जी द्वारा दिखाये गये सुशासन के मूलमंत्र पर चलते हुए, हमने पारदर्शी, सजग और लोककल्याणकारी प्रशासनिक तंत्र तैयार किया है, जिसके बूते हम विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए कार्य कर रहे हैं।

*पारदर्शी प्रशासन के लिए आईटी का उपयोग* 

छत्तीसगढ़ ने सुशासन एवं अभिसरण विभाग के रूप में सुशासन को कार्यान्वित करने देश में अनूठी पहल की है। छत्तीसगढ़ में लाल फीताशाही की रोकथाम के लिए हम ई-आफिस प्रणाली अपना रहे हैं। इसमें फाइलों का निपटारा आनलाइन होगा। तय समय-सीमा में अधिकारी को ई-फाइल पर अपनी टिप्पणी देनी होगी। इस प्रणाली के चलते समय-सीमा पर भ्रष्टाचार की आशंका के बगैर फाइलों का कुशलता से निपटारा हो सकेगा।

शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए हमने अटल मानिटरिंग पोर्टल आरंभ किया है। इससे न केवल महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी जानकारी मिलती है अपितु इसे बेहतर करने के लिए आवश्यक दिशा भी मिलती है। हमारी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस पर न केवल भरोसा करती है अपितु  इसे क्रियान्वित भी करती है। खनिज में हमने मैनुअल पास को समाप्त कर आनलाइन ट्रांजिट पास आरंभ कर दिये हैं। शासकीय खरीदी में भ्रष्टाचार रोकने के लिए, हमने जेम पोर्टल को अनिवार्य कर दिया है। भारत सरकार, राज्यों को बेहतर काम के लिए इंसेटिव देती है। हमने जो सुधार छत्तीसगढ़ में किये, उसके चलते केंद्र सरकार ने इंसेटिव के रूप में राज्य को 4400 करोड़ रुपए दिये हैं, जिन्हें हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करेंगे।

*20 हजार श्रद्धालुओं ने की अयोध्या धाम की यात्रा*

अपने भांचा भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से यह सब शुभ कार्य हम कर पाए हैं। ननिहाल के लोगों को अपने भांजे का आशीर्वाद हमेशा मिलता रहे, भगवान श्रीराम का आदर्श जीवन, उनके भीतर शुभ संकल्पों के बीज बोता रहे, इसके लिए हमने पुण्य अयोध्या धाम के दर्शन के लिए श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना आरंभ की  है। अब तक 20 हजार से अधिक श्रद्धालु, इस योजना के माध्यम से श्री रामलला के दर्शन कर चुके हैं।

*जनजातीय गांवों में अखरा निर्माण*

हमारे प्रदेश की सांस्कृतिक संपदा समृद्ध है। जनजातीय संस्कृति की थाती संभालने वाले हमारे बैगा, गुनिया, सिरहा को हम लोग हर साल पांच-पांच हजार रुपए की सम्मान निधि दे रहे हैं। जनजातीय गांवों में अखरा निर्माण विकास योजना, हमने आरंभ की है। स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले हमारे जनजातीय सेनानियों और शहीदों की प्रतिमाएं, उनके गांवों में लगाने का निर्णय लिया है। राजिम कुंभ का सुंदर आयोजन हमने पुनः आरंभ कराया है। देश भर से साधु संतों का समागम राजिम के त्रिवेणी संगम पर हो रहा है। प्रयागराज में 144 वर्षों बाद महाकुंभ का सुखद संयोग बना है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को सुविधा देने हमने साढ़े 4 एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन तैयार किया है। यहां प्रदेश के श्रद्धालुओं के ठहरने और खान-पान की सुविधा हमने उपलब्ध कराई है।

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