सोनभद्र/सिंगरौली। नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की ब्लॉक-बी परियोजना में कर्मचारियों की ऊँचाई पर सुरक्षित कार्य करने की क्षमता का आकलन करने के लिए वर्टिगो परीक्षण की शुरुआत की गई है। इसी क्रम में अब तक 50 कर्मचारियों का परीक्षण पूरा हो चुका है।
इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य उन कर्मचारियों की पहचान करना है व उन्हें उचित प्रशिक्षण दिलाना है जो ऊँचाई से संबंधित भय या वर्टिगो जैसी स्थिति से ग्रस्त हैं।
वर्टिगो परीक्षण को आमतौर पर “हाइट पास मेडिकल वर्टिगो परीक्षण” के नाम से जाना जाता है। इसमें कर्मचारियों को ऊँचाई पर स्थित एक संकरी बीम पर चलने, सीढ़ियाँ चढ़ने जैसी गतिविधियाँ करवाई जाती हैं। परीक्षण के दौरान व्यक्ति की ऊँचाई पर प्रतिक्रिया का आकलन करने के लिए परीक्षण से पहले और बाद में नाड़ी दर व रक्तचाप जैसे शारीरिक मापदंडों की भी निगरानी की जाती है। यह परीक्षण विशेष रूप से उन कर्मियों के लिए अनिवार्य किया जा रहा है, जिन्हें ऊँचाई पर कार्य करना होता है। वर्टिगो परीक्षण के माध्यम से कर्मियों की व्यक्तिगत सुरक्षा के साथ साथ कार्यस्थल पर संभावित दुर्घटनाओं के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। गौरतलब है कि एनसीएल कर्मियों की सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध है।

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