सोनभद्र।(जीजी न्यूज)। साढ़े 15 वर्ष पूर्व 15 वर्षीय लड़की के अपहरण मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू, सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी तिलकधारी बैगा को 10 वर्ष की कठोर कैद व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 24 फरवरी 2010 को म्योरपुर चैकी, थाना दुद्धी में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसके बड़े भाई के दामाद तिलकधारी बैगा पुत्र रामदेव निवासी मझौली (अंजानी टोला), थाना दुद्धी, जिला सोनभद्र को बच्चा पैदा हुआ था, जिसे खेलाने के लिए उसकी 15 वर्षीय बेटी को यह कहकर कि तुम्हारी दीदी बुलाई है। उसकी मां की मौजूदगी में लेकर चले गए। जब भी बेटी के बारे में जानकारी की जाती तो कभी घर तो कभी डाला में होना बताया जा रहा था। 19 सितंबर 2009 को पता चला कि बेटी को बेच दिया गया है। आवश्यक कार्रवाई करने की कृपा करें। इस तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने चार्जशीट दाखिल किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी को तिलकधारी बैगा को 10 वर्ष की कठोर कैद व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने बहस की।

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