ग्लोबल टाइगर-डे पर छत्तीसगढ़ में बाघ संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी पर होगी व्यापक जागरूकता कार्यक्रम

रायपुर, / वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के निर्देशन में 29 जुलाई को ग्लोबल टाइगर डे-2025 के अवसर पर राज्य के टाइगर रिजर्व्स, चिड़ियाघरों और वन्यजीव स्थलों में बाघ संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर प्लास्टिक मुक्त अभियान भी चलाया जाएगा एवं एक पेड़ माँ के नाम के तहत वृक्षारोपण भी किया जाएगा।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्लोबल टाइगर-डे के अवसर पर अचनाकमार टाइगर रिज़र्व में लोरमी, कोटा और केवंची बफर रेजों के गावों और स्कूलों में 2000 पौधों का रोपण किया जाएगा। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के स्वयंसेवकों के सहयोग से प्लास्टिक मुक्त अभियान एवं विद्यालयों में जागरुकता कार्यक्रम संचालित होंगे। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वैज्ञानिक सहयोग से तैयार पुस्तकों का विमोचन होगा। वहीं उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्टाफ सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही नेशनल जूलॉजिकल पार्क, नई दिल्ली में टीम एटीआर द्वारा एक इको शॉप भी लगायी जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में माडेड रेंज के मोदकपाल सर्कल और बीट में 2000 पौधों का रोपण किया जाएगा। टाइगर डे की सुबह प्लास्टिक मुक्त संदेश के साथ बाइक रैली निकाली जाएगी। ईको विकास समिति (ईडीसी) के सदस्य और छात्र प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण की शपथ लेंगे। उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व में गोहरामाल (जहाँ हाल ही में अतिक्रमण हटाया गया) और इंडागांव बफर रेंज में वृक्षारोपण किया जाएगा। कोयबा ईकोसेंटर, मुचकुंद ऋषि प्रकृति पथ, गौतम ऋषि प्रकृति पथ और इको पार्क मेचका को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाएगा। साथ ही मैनपुर, संकरा और नगरी के स्कूलों में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी।

गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व में सोनहत, रामगढ़, कमारजी, जनकपुर, तमोर, पिंगला और रेहंड रेजों में 2000 पौधे रोपे जाएँगे। बालमगढ़ी और ताड़िया बांध ईकोटूरिज्म स्थलों पर साफ-सफाई अभियान चलाया जाएगा। रामगढ़ रेंज के विभिन्न विद्यालयों में टाइगर मास्क पेपर क्राफ्ट, पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिताएँ करवाई जाएँगी। जंगल सफारी (नवा रायपुर) में आईआईआईटी रायपुर के सहयोग से उनके परिसर में ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जाएगा। 29 जुलाई को स्वयंसेवी संस्थाओं और छात्र प्लास्टिक मुक्त अभियान के साथ ही वृक्षारोपण भी करेंगे। वहीं आसपास के गाँवों के छात्रों को सफारी और बाघों के एनक्लोजर का भ्रमण कराया जाएगा, जिसके उपरांत चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। कनन पेंडारी चिड़ियाघर (बिलासपुर) में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के छात्र स्वयंसेवकों द्वारा बाघ एवं बड़ी बिल्लियों के संरक्षण पर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें आमजन को प्रतिज्ञा दिलाई जाएगी। दर्शकों के साथ वृक्षारोपण किया जाएगा। ‘मीट द जू कीपर‘ कार्यक्रम के तहत वाघों के कीपर से संवाद कराया जाएगा। उत्कृष्ट कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा। आसपास के स्कूलों के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश के साथ चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

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