हिंदी के प्रचार-प्रसार में जो कार्य किए हैं उसका प्रभाव कंपनी की कार्यशैली पर सकारात्मक रूप से पड़ा है – चंदन कुमार सामंता

एनटीपीसी रामागुंडम में हिंदी राजभाषा त्रैमासिक बैठक का सफल आयोजन

करीमनगर।एनटीपीसी रामागुंडम राजभाषा कार्यान्वयन समिति की तिमाही बैठक का आयोजन किया गया जिसमें सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और राजभाषा हिंदी के प्रयोग एवं प्रचार – प्रसार बढ़ाने एवं भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की समीक्षा की गयी।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर  चंदन कुमार सामंता, कार्यकारी निदेशक (आर & टी) ने सभा को संबोधित करते हुए राजभाषा विभाग द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राजभाषा विभाग ने हिंदी के प्रचार-प्रसार में जो कार्य किए हैं, वे सराहनीय हैं और इनका प्रभाव कंपनी की कार्यशैली पर सकारात्मक रूप से पड़ा है।

 सामंता ने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि एनटीपीसी रामागुंडम ने ‘ग’ क्षेत्र में होने के बावजूद “स्वर्णशक्ति” पुरस्कार प्राप्त किया है, जो कि विभाग की उत्कृष्टता और समर्पण का प्रतीक है। यह पुरस्कार सभी कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है, और उन्होंने सभी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।

इस बैठक में  एसएन पाणिग्रही, क्षेत्रीय मानव संसाधन प्रमुख, दक्षिण क्षेत्र ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने हिंदी भाषा में एक नाटक आयोजित करने का सुझाव दिया, जिससे कि कर्मचारियों में भाषा के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़े। इसके अलावा, उन्होंने ‘दीवार पत्रिका’ के निर्माण की पहल करने का भी आग्रह किया, ताकि कर्मचारियों की रचनात्मकता को प्रोत्साहित किया जा सके।

अतर सिंह गौतम प्रमुख राजभाषा विभाग नई दिल्ली ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर समिति सदस्यों का मार्गदर्शन किया और राजभाषा हिंदी के प्रयोग प्रचार प्रचार बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

इस अवसर पर हिंदी राजभाषा की वार्षिक पत्रिका 2024-25 का विमोचन भी किया गया। इस पत्रिका में योगदान देने वाले सभी लेखकों को विशेष स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया, जो उनके योगदान की सराहना का प्रतीक है। यह पत्रिका हिंदी भाषा के प्रति हमारे समर्पण और प्रयासों का प्रमाण है।

कार्यक्रम में  एआर दास, महाप्रबंधक (ओ एंड एम) तेलंगाना,  केसी सिंघा रॉय, महाप्रबंधक (संचालन), अतर सिंह गौतम प्रमुख राजभाषा अनुभाग एनटीपीसी केंद्रीय कार्यालय नयी दिल्ली, मानव संसाधन प्रमुख, एजीएम (टीएस), एजीएम (आईटी) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। सभी उपस्थित अधिकारियों ने इस महत्वपूर्ण बैठक में सक्रिय रूप से भाग लिया और हिंदी राजभाषा के महत्व पर चर्चा की।

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