हिंदी न केवल संवाद का माध्यम है बल्कि प्रत्येक भारतीय का गर्व भी है – नन्दलाल अग्रवाल
बीसीसीएल में राजभाषा पखवाड़ा- 2025 के उपलक्ष्य में हिंदी अनुवाद एवं शब्दावली प्रतियोगिता का आयोजन
धनबाद/ हिंदी दिवस के अवसर पर बीसीसीएल में 14-28 सितम्बर तक राजभाषा पखवाड़ा- 2025 का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए बीसीसीएल मुख्यालय एवं सभी क्षेत्रों में विभिन्न प्रतियोगिताएं, साहित्यिक गतिविधियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज कोयला भवन मुख्यालय में हिंदीतर एवं हिंदी भाषियों के लिए हिंदी अनुवाद एवं शब्दावली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त कम्पनी के विभिन्न क्षेत्रों में भी विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ।
मुख्यालय स्थित प्रतियोगिता दो सत्र में आयोजित हुए, जिसकी शुरुआत हिंदी साहित्य के कालजयी साहित्यकार एवं विद्वानों की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ हुई। प्रथम सत्र में हिंदी के जाने-माने विद्वान फादर कामिल बुल्के की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। तत्पश्चात उनकी जीवनी का वाचन कर प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। इस सत्र की अध्यक्षता महाप्रबंधक (राजभाषा) कुमार मनोज ने की। अपराह्न में आयोजित दूसरे सत्र की शुरुआत हिंदी साहित्य के मूर्धन्य लेखक भारतेंदु हरिश्चंद्र की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुईं। इसके उपरांत उनकी जीवनी का वाचन किया गया और प्रतियोगिता की शुरुआत की गयी। दूसरे सत्र की अध्यक्षता महाप्रबंधक (भू-संपदा) नन्दलाल अग्रवाल ने की।
अपने संबोधन में महाप्रबंधक (राजभाषा) कुमार मनोज ने कहा कि बीसीसीएल सदैव राजभाषा के प्रयोग और प्रसार के लिए प्रतिबद्ध रहा है और इस प्रकार के आयोजनों का उद्देश्य है कि हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाए तथा इसे कार्य संस्कृति का अभिन्न अंग बनाया जाए।
महाप्रबंधक (भू-संपदा) नन्दलाल अग्रवाल ने हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी हमारी संस्कृति और स्वाभिमान की भाषा है। यह न केवल संवाद का माध्यम है बल्कि प्रत्येक भारतीय का गर्व भी है।
उल्लेखनीय है कि बीसीसीएल में 14 से 28 सितम्बर तक आयोजित किए जा रहे राजभाषा पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न स्पर्धाएँ जैसे हिंदी अनुवाद एवं शब्दावली, पत्र एवं निबंध लेखन, सामान्य ज्ञान एवं प्रश्नोत्तरी, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की गृहिणियों के लिए निबंध लेखन, स्वरचित कविता पाठ, कबीर के दोहों का सस्वर पाठ और साहित्यिक संगोष्ठी जैसी समृद्ध सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही विद्यालय स्तर पर हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी ताकि विद्यार्थियों में हिंदी के प्रति रुचि और आत्मीयता को प्रोत्साहन मिल सके। पखवाड़े का समापन 28 सितम्बर को पुरस्कार वितरण समारोह के साथ होगा, जिसमें न केवल विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा बल्कि हिंदी विषय में उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए विद्यार्थियों को भी विशेष पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर, प्रबंधक (मानव संसाधन) दयानंद पासवान, वरीय निजी सहायक (राजभाषा), महेंद्र कुमार सिंह, अनुवादक (राजभाषा) अनिरुद्ध नोनिया और श्रीमती वंदना देवी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।

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