समय आ गया है कि हम केवल पॉलिसी नहीं, बल्कि सकारात्मक अनुभव देने वाले एचआर फ्रेमवर्क विकसित करें – डॉ. विनय रंजन

बीसीसीएल के बहुप्रतीक्षित एचआर कॉन्क्लेव ‘स्पर्श – 2025’ का धनबाद में हुआ भव्य शुभारंभ

 विशेषज्ञों ने ‘मेकिंग हैप्पी एम्प्लॉयीज़’ विषय पर मानवीय मूल्यों की पुनर्परिभाषा की दिशा में व्यक्त किये प्रेरक और मार्गदर्शक विचार

धनबाद, ।भारत कोकिंग कोल लिमिटेड द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘स्पर्श एचआर कॉन्क्लेव 2025’ का भव्य उद्घाटन आज धनबाद स्थित होटल वेडिंग बेल्स में हुआ। ‘मेकिंग हैप्पी एम्प्लॉयीज़’ थीम पर आधारित इस कॉन्क्लेव में कोल इंडिया लिमिटेड, बीसीसीएल के शीर्ष प्रबंधन सहित विभिन्न अनुषंगी कंपनियों के मानव-संसाधन प्रमुख, उद्योग जगत से जुड़े मानव संसाधन विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और कॉर्पोरेट नेतृत्व की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में निदेशक (मानव संसाधन) सीआईएल डॉ. विनय रंजन, सीएमडी बीसीसीएल समीरन दत्ता, निदेशक (मानव संसाधन), बीसीसीएल  मुरली कृष्ण रमैया, निदेशक (तकनीकी, संचालन)  संजय कुमार सिंह तथा निदेशक (तकनीकी, योजना एवं परियोजना)  मनोज कुमार अग्रवाल सहित कोल इंडिया लिमिटेड  की अनुषंगी कंपनियों के निदेशक (मानव संसाधन) केशव राव (एमसीएल),  हर्ष नाथ मिश्रा (सीसीएल), डॉ. हेमंत शरद पांडे (डब्ल्यूसीएल),  गुंजन कुमार सिन्हा (ईसीएल),  बिरांची दास (एसईसीएल) तथा बीसीसीएल के मुख्य सतर्कता पदाधिकारी  अमन राज, आईजी सीआईएसएफ  श्रीकांत किशोर, मुख्य चिकित्सा सेवाएँ बीसीसीएल डॉ. पूनम दुबे, महाप्रबंधक(सीएसआर) रेणु चतुर्वेदी समेत देशभर के विभिन्न औद्योगिक संस्थानों एवं शैक्षणिक संगठनों के प्रतिनिधि गण इस अवसर पर उपस्थित रहें। कार्यक्रम में बीसीसीएल के विभिन्न विभागों एवं क्षेत्रों के  महाप्रबंधक तथा विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं अन्य अधिकारियों ने भी अपनी सहभागिता दी।

अपने उद्घाटन वक्तव्य में निदेशक (मानव संसाधन) कोल इंडिया, डॉ. विनय रंजन ने कहा कि किसी भी संगठन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण संसाधन उसका श्रमबल हैं। कोयला उद्योग दिन-रात राष्ट्र को ऊर्जा प्रदान करने में जुटा है तथा ऐसे में, एक ऐसा कार्यस्थल बनाना हमारी जिम्मेदारी है, जहाँ प्रत्येक कर्मचारी न केवल सुरक्षित, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मसंतोष से भरपूर हो। ‘स्पर्श’ जैसे कार्यक्रम केवल एक कॉन्क्लेव नहीं बल्कि एक सोच है, जो इस बात पर केंद्रित है कि हम अपनी एचआर रणनीतियों में करुणा, पारदर्शिता और नवीनता को किस प्रकार संस्थागत करें। उन्होंनें कहा कि अब समय आ गया है कि हम केवल पॉलिसी नहीं, बल्कि सकारात्मक अनुभव देने वाले एचआर फ्रेमवर्क विकसित करने पर जोर दें। डॉ. रंजन ने इस मंच को कोल इंडिया के ‘मानव-केंद्रित भविष्य’ की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

 समीरन दत्ता ने बीसीसीएल की नवाचार आधारित और संवेदनशील पहलों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हमारी ‘पर्सन-फर्स्ट’ नीति केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक दृष्टिकोण है, जिसके अंतर्गत न केवल हमने महिला नेतृत्व को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है, बल्कि कर्मियों की संतुष्टि एवं उनके उन्नयन के लिए हर-संभव प्रयास किये हैं। स्वास्थ्य सेवाओं सहित अन्य सुविधाओं को बेहतर किया है, जिससे हमारे कर्मियों को अधिकाधिक लाभ एवं सुविधाएं मिल सकें। उन्होंनें कहा कि बीसीसीएल की एचआर रणनीति केवल आंकड़ों पर आधारित नहीं, बल्कि मानवीय गरिमा, समावेशिता और कार्यस्थल पर समरसता के आदर्शों पर आधारित है, इसी के तहत पिछले कुछ वर्षों में हमने अनुकंपा आधारित नियुक्तियों में उल्लेखनीय प्रगति की हैं। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल को एक ऐसी जगह के रूप में विकसित किया जाना चाहिए जहाँ प्रत्येक कर्मचारी स्वयं को महत्वपूर्ण महसूस करे।

 मुरली कृष्ण रमैया, निदेशक (एचआर), बीसीसीएल ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए सम्मेलन के उद्देश्यों और बीसीसीएल की ‘पर्सन-फर्स्ट’ एचआर नीति पर प्रकाश डाला। उन्होंनें अपने संबोधन में कहा कि स्पर्श इस सोच की अभिव्यक्ति है कि कार्यस्थल को केवल उत्पादन केंद्र नहीं, बल्कि सहयोग, संवेदना और साझेदारी का जीवंत प्रतिबिम्ब बनाया जाना चाहिए।

इससे पूर्व कॉन्क्लेव का शुभारंभ राष्ट्रगान, कोल इंडिया गीत और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। आईआईटी (आईएसएम), धनबाद के प्रोजेक्ट स्टाफ श्री नीतीश ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति कर कार्यक्रम में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया। इसके पश्चात मंचासीन अतिथियों के स्वागत के क्रम में  मुरली कृष्ण रमैया ने निदेशक (एचआर) ने निदेशक (एचआर) सीआईएल डॉ. विनय रंजन और सीएमडी, बीसीसीएल  समीरन दत्ता को शॉल, पुष्पगुच्छ और पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में बीसीसीएल की कुसुंडा क्षेत्र की महिला शौवेल ऑपरेटर श्रीमती रामरती देवी और कतरास क्षेत्र के अभिषेक कुमार (जनरल असिस्टेंट) के परिवार को सम्मानित किया गया, जिनकी तस्वीरें कार्यक्रम की स्मारिका के आवरण पृष्ठ पर प्रकाशित की गई थीं। इसके उपरांत सम्मेलन की स्मारिका का औपचारिक विमोचन डॉ. विनय रंजन,  समीरन दत्ता और मुरली कृष्ण रमैया द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

दोपहर के सत्र में डॉ. विनय रंजन ने टेक्निकल सेशन की पृष्ठभूमि में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में ‘मेकिंग हैप्पी एम्प्लॉयीज़’ विषय पर विशेष वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने कार्यस्थल पर खुशी, सहयोग और उद्देश्य की स्पष्टता को आधुनिक एचआर रणनीतियों की नींव बताया। उन्होंने ‘हैप्पी एम्प्लॉयीज़’ की अवधारणा को एचआर नेतृत्व की एक नई दिशा बताया।

इसके पश्चात दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। प्रथम तकनीकी सत्र ‘फ़न ऐट वर्क – एम्प्लॉयी इन्वॉल्वमेंट’ विषय पर केंद्रित रहा, जिसमें पैनल वक्ता के रूप में  श्रीकांत किशोर (आईजी, सीआईएसएफ, बीसीसीएल), सुश्री सुधर्षणा सान्याल (हेड एचआर एवं एडमिन, सीईएससी लिमिटेड), सुश्री राजश्री बनर्जी (निदेशक – एचआर, बोकारो स्टील प्लांट) तथा  सूरज छेत्री (वीपी, हेड ऑफ एचआर – एयरबस इंडिया) ने अपने विचार साझा किए। इस सत्र का संचालन केशव राव, निदेशक (एचआर), एमसीएल ने किया। दूसरे तकनीकी सत्र ‘एम्प्लॉयी सर्विसेज – एम्प्लॉयी वेलफेयर’ में हेमंत शरद पांडे (निदेशक-एचआर, डब्लूसीएल), मुरली कृष्ण रमैया (निदेशक-एचआर, बीसीसीएल) और हरेंद्र सिंह (सीईओ, आसर्फी हॉस्पिटल) ने कर्मचारी सेवाओं के डिजिटल एकीकरण, पारदर्शी लाभ प्रबंधन और कल्याणकारी उपायों पर संवाद किया। इस सत्र का संचालन हर्षनाथ मिश्रा (निदेशक-मानव संसाधन) सीसीएल ने किया।

कार्यक्रम का समापन भव्य सांस्कृतिक संध्या के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने भाग लिया। समापन पर बीसीसीएल के जीएम (एचआर) अनुप कुमार रॉय ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। यह दो-दिवसीय कॉन्क्लेव शनिवार सम्पन्न होगा, जिसमें और भी विचारोत्तेजक सत्रों, औद्योगिक सहभागिता और युवा प्रतिभाओं के अनुभवों से मानव संसाधन क्षेत्र को समृद्ध करने की दिशा में विमर्श जारी रहेगा। मंच संचालन वरीय प्रबंधक (मानव संसाधन) गार्गी मुखोपाध्याय और योगिता सकलानी ने किया।  

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