तकनीकी खेती से बदल रही सोनभद्र के किसानों की तस्वीर

सोनभद्र/ जिलाधिकारी बी.एन. सिंह ने राबर्ट्सगंज ब्लॉक के कुसी गांव में किसानों द्वारा की जा रही तकनीकी खेती और बागवानी का स्थलीय निरीक्षण किया। वे किसान भोला के खेत पर पहुंचे, जहां एक ही परिसर में पपीता, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, सूरन, अमरूद और केला की उन्नत खेती की जा रही है।तकनीकी पद्धति से की जा रही इस बहु-फसली खेती को देखकर जिलाधिकारी ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि सोनभद्र के किसान आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर अपनी आय में लगातार वृद्धि कर रहे हैं। इससे न सिर्फ किसानों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है, बल्कि जिले की पहचान भी तकनीकी आधारित खेती के रूप में बन रही है।उन्होंने बताया कि सोनभद्र के किसान मिर्चा और टमाटर जैसी फसलों का अधिक उत्पादन कर उन्हें कोलकाता और बांग्लादेश तक भेज रहे हैं, जो किसानों की आय बढ़ाने का मजबूत माध्यम बन चुका है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, संरक्षित खेती और बागवानी मशीनीकरण योजनाओं से किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। वहीं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद उद्योग योजना के तहत कृषि आधारित कार्यों से भी किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।निरीक्षण के दौरान किसानों ने बताया कि टमाटर, मिर्चा और ड्रैगन फ्रूट की खेती से उन्हें सालाना 8 से 10 लाख रुपये तक की आय हो रही है। जिला उद्यान अधिकारी ने जानकारी दी कि इस क्षेत्र में लगभग 70 से 80 किसान मिर्चा, टमाटर, ड्रैगन फ्रूट और पपीता की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं।

इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम, डीसी जी राम, रविन्द्र वीर सिंह, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह, उद्यान निरीक्षक सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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