देवनाथ बाबू ने समाजसेवा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह हमेशा याद किया जाएगा

सेवानिवृत दरोगा देवनाथ राय की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे कई दिग्गज

सिवान, पटना। दरौंदा प्रखंड के पीपरा गांव में समाजसेवी आशुतोष कुमार चंदन व डॉक्टर अभिषेक कुंदन के पिता सेवानिवृत्त दरोगा स्व. देवनाथ राय की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई. इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों और समाजसेवियों ने उनके योगदान को याद किया और उनके आदशों को अपनाने का संकल्प लिया. सभा में राजद नेता मुन्ना शाही ने कहा कि शरीर नश्वर है, लेकिन कर्म अमर रहते हैं. उन्होंने कहा देवनाथ बाबू ने समाजसेवा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह हमेशा याद किया जाएगा।

जिला पार्षद धर्मेंद्र कुमार यादव ने उनके जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि वे समाज के हर वर्ग के लिए मार्गदर्शक थे. नेता उमेश सिंह ने कहा कि देवनाथ बाबू के संघर्षपूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने गरीबों के अधिकारों के लिए हमेशा संघर्ष किया ।   पूर्व विधायक देवरंजन सिंह ने कहा कि उनका जीवन चुनौतियों से भरा था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और समाज के लिए निरंतर कार्य करते रहे । 

  इस श्रद्धांजलि सभा में शिक्षक जितेंद्र सिंह, डॉ. त्रिपुरारी शरण सिंह, अजय कुमार गुड्डू, पुनीत पुष्कर, प्रवीण मिश्रा, डॉ. अन्नू बाबू, डॉ. जैन शुक्ला, महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के रजिस्टार सच्चितानंद सिंह शेखर, संजय सिंह, सरपंच मिथलेश सिंह, शशिभूषण सिंह, आचार्य रौशन पाण्डेय, सचिन मिश्रा, सतेंद्र सिंह, शिक्षक जितेंद्र सिंह, राजू राय, उमेश यादव, राघवेंद्र भारती, अवधेश शर्मा, रुपेश रंजन, संजय गिरी, पत्रकार रविन्द्र कुमार गुप्ता, राजीव कुमार भारती, उप मुखिया हरेंद्र यादव, कादिर अहमद, मंटू तिवारी, अधिवक्ता राजेश सिंह, विक्की राय, अभिषेक सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष बबलू, पूर्व मंडल अध्यक्ष उमाशंकर सिंह, मनीष सिंह, खलीफा गिरी, समाजसेवी संजय सिंह, गुड्डू सिंह अक्षय कुमार यादव, अभिनाश पंडित, पुनपुन यादव, पिंटू यादव, अभिजीत कुमार, अजय कुमार, अरमान भारती सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।

सभी ने उनके सामाजिक कार्यों को सराहा और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. सभा में मौजूद सभी लोगों ने कहा कि देवनाथ बाबू ने शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबों की सहायता के क्षेत्र में जो कार्य किए हैं, वे हमेशा समाज के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे ।  अंत में, उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. यह श्रद्धांजलि सभा इस बात का प्रमाण थी कि समाज में किए गए अच्छे कार्यों का महत्व हमेशा बना रहता है और ऐसे महान व्यक्तियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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