मिड-डे-मील वर्कर्स यूनियन ने मुख्यमंत्री नामित पांच सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतिनिधि को सौंपा
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश मिड-डे-मील वर्कर्स यूनियन संगठन द्वारा बुधवार को कलेक्ट्रेट पर अपनी पांच सूत्रीय मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री नामित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतिनिधि को सौंपा।
संगठन जिलाध्यक्ष सुनीता ने बताया कि मध्यान्ह भोजन योजना के तहत प्रदेश भर में रसोइयां की भूमिका निभा रही रसोइया कर्मियों की बेहतरी, उनके जीवन जीने लायक मानदेय, सामाजिक सुरक्षा और उनकी सेवाओं की निरंतरता के सम्बन्ध में कोई चिंता नहीं है। उच्च न्यायालय के आदेश, 45 व 46 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरूप कर्मचारी के रूप में मान्यता देने, न्यूनतम वेतन, ईएसआई, ईपीएफ, ग्रेच्युटी देने की दशक भर से उठ रही मांगों को अनसुना कर दिया गया। प्रदेश में पिछले वर्षों से विद्यालयों की बंदी और कंपोजिट विद्यालय बनाने की कार्यवाही चल रही है। शिक्षकों, शिक्षामित्रों को समायोजित करने की व्यवस्था तो है, किंतु रसोइया कर्मियों के नियोजन की निरंतरता के सम्बन्ध कोई स्पष्टता नहीं है। मानदेय के रूप में मिलने वाले 2000 रुपये के भुगतान में भी कई-कई महीने लग जाते हैं। वर्तमान समय में भी 5 माह का भुगतान बकाया है। जबकि बच्चों के शैक्षणिक सत्र की शुरुआत, कृषि कार्य और त्योहारों का समय है। रक्षाबंधन का त्यौहार भी आ गया है। अध्यक्ष ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब से बीजेपी सरकार बनी है तब से केवल आश्वासन पर ही चलाई जा रही है। इस मौके पर सचिव सोनी, फुलमती, शान्ति देवी, फुलझरी, चन्द्रावती, सोनी देवी, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियन एक्टु के सचिव नाजमा खातून, ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन आइसा छात्र नेता अमीना खातून ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ़ ट्रेड यूनियन आदि मौजूद रहे।

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