साउथ अफ्रीका के मरीज की हुई अम्बेडकर अस्पताल में सफल सर्जरी

*पित्ताशय की पथरी की समस्या से जूझ रही थी मरीज, पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं अम्बेडकर अस्पताल के सर्जरी विभाग में हुई सफल लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी*

  रायपुर, / पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित जनरल सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने राजधानी रायपुर में पढ़ाई कर रही साऊथ अफ्रीकी छात्रा के गाल ब्लैडर के स्टोन (पित्ताशय की पथरी) की सफल लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी सर्जरी कर विगत छह महीनों से मरीज को रह-रहकर उठने वाले पेट दर्द की समस्या से निजात दिलाई है। हालांकि यह सर्जरी विभाग में रूटीन में होती है लेकिन विगत दिनों की गई लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी इसलिए विशेष है कि छात्रा ने सर्जरी के लिए अपने देश वापस जाने की बजाय अम्बेडकर अस्पताल के डॉक्टरों पर भरोसा करते हुए यहीं सर्जरी कराने का निश्चय किया। मरीज के अटेंडर सिबोनेलो सनेलिस जुंगु का कहना है कि भारत के डॉक्टर साउथ अफ्रीका में मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज कर रहे तो हम भी भारत में क्यों नहीं इलाज करा सकते? हमें यहां के डॉक्टरों पर पूरा भरोसा है।

जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मंजू सिंह के अनुसार, राज्य के निजी विश्वविद्यालय में बीएससी साइकोलॉजी में अध्ययनरत 21 वर्षीय छात्रा को 06 मई 2025 की रात को पेट में तीव्र दर्द की शिकायत हुई। साथ में उल्टी और भूख नहीं लग रही थी। छात्रा निजी अस्पताल में गई जहां उसकी जांच में पित्ताशय की पथरी होने की पुष्टि हुई। मरीज के परिजनों ने विगत कुछ समय से चिकित्सा महाविद्यालय एवं अम्बेडकर अस्पताल में हुई कई सफल ऑपरेशन के बारे में सुना था। इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका के कई अस्पतालों में भारतीय डॉक्टर सेवा दे रहे हैं जिससे मरीज के घरवालों का विश्वास भी यहां के डॉक्टरों के प्रति बरकरार है। अंततः उनके घरवालों को विश्वविद्यालय द्वारा सूचना दी गई और उनके अटेंडर ने अम्बेडकर अस्पताल का चयन किया और मरीज को यहां लेकर आये। जहां पर सर्जरी विभाग में मरीज का उपचार चला। सभी जांचें हुईं और मरीज की लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद मरीज का कहना है कि वह पहले से बहुत अच्छा महसूस कर रही है और उसे अब पेट में दर्द भी नहीं हो रहा है।

डॉ. मंजू सिंह के अनुसार, जब ये छात्रा यहां भर्ती हुई तब हमने नियमानुसार सबसे पहले इसकी सूचना चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विवेक चौधरी और अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर को दी। डीन डॉ. विवेक चौधरी एवं अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने मरीज की सर्जरी से संबंधित समस्त औपचारिकताओं को अतिशीघ्र पूर्ण कराकर विदेशी छात्रा के इलाज को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। साथ ही छात्रा के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। सर्जरी के बाद मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गई है।  मरीज का ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ.मंजू सिंह के साथ डॉ.अमित अग्रवाल, डॉ. मनीष साहू, डॉ.अंजलि जालान, डॉ. आयुषी गोयल, डॉ.पूजा जैन एवं एनेस्थीसिया टीम में डॉ. प्रतिभा शाह एवं डॉ. मंजुलता टंडन एवं शामिल रहीं।

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