मिर्जापुर निरंतर क्षमता विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आरएलआई विंध्याचल द्वारा भारतीय प्रशिक्षण एवं विकास सोसायटी (ISTD) के सहयोग से तीन दिवसीय “ट्रेन द ट्रेनर्स” प्रमाणन कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एनटीपीसी विंध्याचल और सिंगरौली से कुल 23 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। प्रशिक्षण का उद्देश्य उन्नत प्रशिक्षण कौशल, संरचित कार्यप्रणालियों, अनुभव आधारित शिक्षण और आधुनिक ट्रेनिंग तकनीकों को सशक्त बनाना रहा।
कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ श्री संजीब कुमार साहा, परियोजना प्रमुख(विंध्याचल) द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि “सीखने की कोई उम्र या सीमा नहीं होती” तथा एनटीपीसी की निरंतर क्षमता निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कर्मचारी ही एनटीपीसी की सबसे बड़ी पूंजी हैं और सभी को जीवनपर्यंत सीखने की सोच अपनानी चाहिए।
अपने स्वागत उद्बोधन में डॉ. देवास्मिता त्रिपाठी, अपर महाप्रबंधक(आरएलआई) ने भारतीय प्रशिक्षण एवं विकास सोसायटी (ISTD) के प्रतिष्ठित फैकल्टी और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम भारतीय प्रशिक्षण एवं विकास सोसायटी ISTD के परामर्श से विशेष रूप से इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि कंटेंट क्रिएशन, ऑडियंस एंगेजमेंट और डिलीवरी इफेक्टिवनेस को और अधिक मजबूत किया जा सके।
कार्यक्रम में वरिष्ठ भारतीय प्रशिक्षण एवं विकास सोसायटी (ISTD) विशेषज्ञ — डॉ. अनीता मधोक, डॉ. युगल रायलू, डॉ. अर्पिता दत्ता तथा डॉ. बाबूनायडू त्यागराज ने प्रशिक्षण डिज़ाइन, व्यवहारिक अंतर्दृष्टि, संचार कौशल और शिक्षण सिद्धांतों पर इंटरैक्टिव सत्रों का संचालन किया। प्रायोगिक गतिविधियों, प्रदर्शन और नवाचारपूर्ण उपकरणों के माध्यम से प्रतिभागियों को आत्मविश्वासी एवं प्रभावी प्रशिक्षक बनने के लिए सशक्त किया गया।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण के सफल समापन पर सभी प्रतिभागियों को भारतीय प्रशिक्षण एवं विकास सोसायटी (ISTD) द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

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