विशेष अभियान 5.0 के तहत बीसीसीएल द्वारा ‘स्वच्छ विचार: एक सशक्त जीवन का आधार’ कार्यशाला का सफल आयोजन

कम्युनिटी हॉल कोयला नगर में आयोजित कार्यक्रम में बीसीसीएल परियोजना विद्यालयों के 350 से अधिक बच्चों ने लिया भाग। सभी स्कूलों के प्राचार्य भी हुए कार्यक्रम में हुए शामिल। 

धनबाद। भारत सरकार के निर्देशानुसार देश-भर के सभी सरकारी संस्थानों में संचालित विशेष अभियान 5.0 (स्पेशल कैंपेन 5.0) के अंतर्गत, आज कम्युनिटी हॉल, कोयला नगर में बीसीसीएल द्वारा स्कूली छात्रों के लिए एक विशेष कार्यशाला ‘स्वच्छ विचार: एक सशक्त जीवन का आधार’ का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बीसीसीएल परियोजना विद्यालयों के 350 से अधिक छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, बीसीसीएल  मनोज कुमार अग्रवाल ने की। अवसर पर निदेशक (मानव संसाधन)  मुरली कृष्ण रमैया, निदेशक (तकनीकी)  संजय कुमार सिंह, मुख्य सतर्कता पदाधिकारी  अमन राज, मुख्य चिकित्सा सेवाएँ, डॉ. पूनम दुबे, महाप्रबंधक (एचआरडी)  अनूप कुमार रॉय, महाप्रबंधक (श्रमशक्ति नियोजन)  अपूर्व कुमार मित्रा, महाप्रबंधक (मानव संसाधन)  कुमार मनोज, उप-महाप्रबंधक (औद्योगिक संबंध) सुरेन्द्र भूषण, सीएमओ (सीएचडी) डॉ. बंदना, विभागाध्यक्ष (कल्याण) श्रीमती किरण रानी नायक सहित कोयला भवन मुख्यालय के सभी महाप्रबंधकगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में बीसीसीएल परियोजना विद्यालयों के प्राचार्यों एवं प्रधानाध्यापिकाओं ने भी अपनी गरिमापूर्ण सहभागिता की। अवसर पर डॉ. सरिता सिन्हा (डीपीएस, धनबाद), श्रीमती इंदु प्रसाद (डीएवी, मुनिडीह), नमो नारायण श्रीवास्तव (डीएवी कोयलानगर), सुब्रोतो मोदक (डीएवी अलकुसा),  एस. ई. अहमद (डीएवी, लोदना), ए.के. दुबे (डीएवी, कुसुंडा) तथा प्रसेनजीत कुमार (डीएवी, दुग्दा) सहित इन विद्यालयों के शिक्षक भी उपस्थित रहे। विशेष रूप से स्कूली विद्यार्थियों के लिए आयोजित इस कार्यशाला में मंचासीन अतिथियों मनोज अग्रवाल, एम.के.रमैया, संजय सिंह और अमन राज ने अपने प्रेरणादायक संबोधन एवं जीवन के अनुभवों के माध्यम से उपस्थित छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया।

सीएमडी, मनोज कुमार अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि बाहरी स्वच्छता के साथ-साथ मन की स्वच्छता भी उतनी ही आवश्यक है। स्वच्छ विचार ही एक सशक्त व्यक्तित्व की नींव रखते हैं। जब मन के विचार निर्मल होते हैं, तो व्यक्ति के आचरण और कर्म में भी शुद्धता झलकती है। स्वच्छ विचारों से व्यक्ति आत्मविश्वास, अनुशासन और सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त करता है, जिससे वह न केवल सफलता अर्जित करता है बल्कि समाज में सम्मान और प्रेरणा का स्रोत बनता है। मनुष्य अपने गुणों से ही संसार में पूजनीय बनता है।

कार्यक्रम में निदेशक (मानव संसाधन)  मुरली कृष्ण रमैया ने एक विशेष सत्र का संचालन करते हुए छात्रों को स्पष्ट, सकारात्मक और क्रियाशील विचारों के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विचार तभी सार्थक होते हैं जब वे कर्म में परिणत हों। अपने पावरपॉइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उन्होंने छात्रों को विभिन्न प्रेरक-प्रसंगों, उद्धरणों एवं उदाहरणों के माध्यम से जीवन में सफलता प्राप्त करने हेतु विचारों को कर्म से जोड़ने की प्रेरणा दी और बताया कि विचारों की दिशा ही जीवन की दिशा तय करती है।

निदेशक (तकनीकी)  संजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विचार वह बीज हैं, जो व्यक्ति के भविष्य का निर्माण करते हैं। यदि आपके विचार स्वच्छ और रचनात्मक हैं, तो आप अपने जीवन के साथ-साथ समाज और राष्ट्र के निर्माण में भी सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। मुख्य सतर्कता पदाधिकारी  अमन राज ने छात्रों से कहा कि छात्र जीवन व्यक्ति के विकास का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है, क्योंकि इसी समय सीखने की क्षमता सर्वोच्च होती है। उन्होंने छात्रों को इस कालखंड का सदुपयोग करते हुए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ प्रयास करने की प्रेरणा दी।

इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के औपचारिक स्वागत, सामूहिक दीप-प्रज्ज्वलन, राष्ट्रगान और कोल-इंडिया गीत के साथ की गयी। महाप्रबंधक (एचआरडी)  अनूप कुमार रॉय के स्वागत संबोधन के पश्चात मंचासीन अतिथियों ने अपने प्रेरक विचारों एवं अनुभवों के माध्यम से छात्रों का मार्गदर्शन किया और स्वच्छता के व्यापक आयामों एवं स्वस्थ विचारों की महत्ता पर प्रकाश डाला। इसके उपरांत विभिन्न प्रोजेक्ट विद्यालयों से उपस्थित  प्राचार्यों का सीएमडी एवं अन्य मंचासीन अतिथियों ने पौधा एवं शॉल देकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन वरीय प्रबंधक (मानव संसाधन) श्रीमती गार्गी मुखोपाध्याय तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रबंधक (राजभाषा)  उदयवीर सिंह ने किया।    

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