सोनभद्र, सिंगरौली। शनिवार को एनसीएल मुख्यालय में “सुरक्षित कल के लिए खदान सशक्तिकरण” थीम के तहत एक विशेष सुरक्षा समीक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कंपनी के सभी परिचालन क्षेत्रों में सुरक्षा प्रथाओं को मजबूत करते हुए शून्य हानि की संस्कृति को सुदृढ़ बनाना रहा ।
इस विशेष समीक्षा कार्यशाला को एनसीएल के पूर्व सीएमडी और उच्च-स्तरीय सुरक्षा विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष टी. के. नाग ने बतौर मुख्य वक्ता संबोधित किया । अपने उद्बोधन में, उन्होंने कोयला क्षेत्र की विभिन्न खदानों में उन्नत सुरक्षा रणनीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर अपने व्यापक अनुभव और मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने सुरक्षा प्रबंधन और नियोजन, दुर्घटना के कारण विश्लेषण और उनकी पहचान, सुरक्षा ऑडिट, और सुरक्षा में डिजिटाइजेशन के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए, एनसीएल के सीएमडी बी. साईराम ने कहा कि बढ़ते उत्पादन लक्ष्यों के साथ सुरक्षा एक चुनौती है, जिसे डिजिटाइजेशन और प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जा सकता है ।उन्होंने परिचालन उत्कृष्टता बढ़ाने के आलोक में टीम एनसीएल से सर्वोत्तम वैश्विक डिजिटल प्रथाओं को अपनाने का आह्वान किया। अपने उद्बोधन के दौरान सुरक्षा को एक सतत प्रक्रिया बताते हुए, श्री साईराम ने कोयला परिवहन, संचालन, और भूमि अधिग्रहण में एनसीएल की चल रही डिजिटल पहलों पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में निदेशक (मानव संसाधन) मनीष कुमार, निदेशक (वित्त) रजनीश नारायण, निदेशक (तकनीकी/संचालन) सुनील प्रसाद सिंह, निदेशक (तकनीकी/परियोजना और योजना) आशुतोष द्विवेदी, एनसीएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी अजय कुमार जायसवाल, जेसीसी सदस्य, सीएमओएआई सचिव, क्षेत्रीय महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी, एनसीएल सुरक्षा बोर्ड के सदस्य, और एचओई प्रतिनिधि उपस्थित रहे । इस अवसर पर, महाप्रबंधक (सुरक्षा और बचाव) पी. डी. राठी ने प्रतिभागियों को सुरक्षा शपथ भी दिलाई ।

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