बच्चों को हर संकट से बचा रही आरपीएफ : चलाया जा रहा “आपरेशन नन्हे फ़रिश्ते” अभियान 

 आरपीएफ़ दिल्ली मण्डल ने वर्ष 2021 से जून-2025 तक  संकटग्रस्त या संदिग्ध परिस्थितियों में पाए जाने वाले 5200 नाबालिग बच्चों को बचाया

नई दिल्ली ।  आज भारतीय रेल ईक्कीसवी सदी में आधुनिकता और बदलाव के दौर से गुजर रही है। इस दौर में आर.पी.एफ़. रेलवे संपत्ति के साथ-साथ रेल यात्री और यात्री सामान की सुरक्षा और संरक्षा के दायित्व को ईमानदारी व ज़िम्मेदारी के साथ निभा रही है। बदलाव और आधुनिकता के दौर से गुजर रही भारतीय रेल में भिन्न-भिन्न प्रकार के अपराधों व परिस्थितियों से जुड़ी विभिन्न चुनौतीयां भी सामने आ रही हैं। आर.पी.एफ़. द्वारा ऐसी सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं जिनमे से “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” सबसे अधिक महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में से एक है।

आर.पी.एफ़. द्वारा चलाये जा रहे “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत रेलवे परिसर और ट्रेनों में संकटग्रस्त या संदिग्ध परिस्थितियों में पाए जाने वाले बच्चों को बचाया जाता है। “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” का मुख्य उद्देश्य रेलवे परिसरों और ट्रेनों में संकटग्रस्त या संदिग्ध परिस्थितियों में पाए जाने वाले बच्चों की सक्रिय रूप से पहचान करना और उन्हें बाल श्रम, तस्करी या अन्य प्रकार के शोषण से बचाना है। जब आरपीएफ के बल सदस्य किसी बच्चे को ऐसी परिस्थितियों से बचाते हैं तो उसे जिला बाल कल्याण समिति या इस क्षेत्र में कार्य कर रहे NGO को सौंप दिया जाता है, जो बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप देते हैं।

 आर.पी.एफ़./दिल्ली मण्डल द्वारा 30 आरपीएफ़ पोस्टों पर 30 ए.एच.टी.यू. (एंटी ह्युमन ट्रेफिकिंग यूनिट/Anti Human Trafficking Unit) का गठन किया गया है जिनका मुख्य कार्य रेलवे परिसर और ट्रेनों में संकटग्रस्त या संदिग्ध परिस्थितियों में पाए जाने वाले बच्चों की सक्रिय रूप से पहचान करना और उन्हें बाल श्रम, तस्करी या अन्य प्रकार के शोषण से बचाना है।आरपीएफ़/दिल्ली मण्डल द्वारा वर्ष 2021 से जून-2025 तक  संकटग्रस्त या संदिग्ध परिस्थितियों में पाए जाने वाले 5200 नाबालिग बच्चों को बचाया है। बचाए गए बच्चों में ऐसे बच्चे शामिल हैं जो घर से भाग गए थे, लापता हो गए थे, बिछड़ गए थे या बाल श्रम या तस्करी जैसे खतरों का सामना कर रहे थे।

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