परित्यक्त खदानों का पुनर्जीवन भारतीय कोयला क्षेत्र के लिए एक पथ प्रदर्शक कदम – पी. एम. प्रसाद

बीसीसीएल में एमडीओ मॉडल के तहत पुनर्जीवित की जा रही बंद पड़ी खदानें

पीबी प्रोजेक्ट एमडीओ खदान बनी पूरे कोल इंडिया में कोयला उत्पादन शुरु करने वाली पहली एमडीओ परियोजना 

धनबाद, / “आत्मनिर्भर भारत” के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को साकार करते हुए, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने अपनी वर्षों से बंद पड़ी पीबी परियोजना को माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर (एमडीओ) मॉडल के तहत पुनः चालू कर कोयला उत्पादन प्रारंभ किया है। यह बीसीसीएल ही नहीं, बल्कि संपूर्ण कोल इंडिया लिमिटेड की पहली एमडीओ परियोजना है, जिसने उत्पादन शुरू कर दिया है।

यह परियोजना ईगल इंफ्रा इंडिया लिमिटेड को 25 वर्षों के लिए सौंपी गई है, जिसके तहत 2.7 मिलियन टन की उच्चतम वार्षिक क्षमता (PRC) के साथ कुल 52 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जाएगा, जिसमें मुख्य रूप से कोकिंग कोल होगा, जो देश की इस्पात और अवसंरचना उद्योग के लिए अत्यंत आवश्यक है।

इस पहल का उद्देश्य है:  निजी क्षेत्र की दक्षता से परित्यक्त खदानों का पुनर्जीवन, आयात पर निर्भरता में कमी, घरेलू कोकिंग कोल आपूर्ति में वृद्धि उन्नत खनन तकनीकों और आधुनिक कार्यप्रणालियों का समावेश कोयला क्षेत्रों में रोज़गार सृजन और आर्थिक विकास, राजस्व साझेदारी मॉडल के तहत बीसीसीएल को सकल आय का 6% हिस्सा प्राप्त होगा, जो सार्वजनिक-निजी भागीदारी में पारदर्शिता और स्थायित्व की दिशा में एक मजबूत कदम है।

इस अवसर पर कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन  पी. एम. प्रसाद ने वर्चुअली कार्यक्रम में भाग लिया और इसे भारतीय कोयला क्षेत्र के लिए एक पथप्रदर्शक कदम” करार दिया। उन्होंने कहा: यह सिर्फ खदान शुरू करने की बात नहीं है, बल्कि यह हमारे अतीत की चुनौतियों को अवसरों में बदलने, समुदायों को सशक्त करने और आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत करने का संकल्प है।”

इस ऐतिहासिक आयोजन में  समीरन दत्ता, अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, बीसीसीएल;  मुरली कृष्ण रमैय्या, निदेशक (मानव संसाधन);  संजय कुमार सिंह, निदेशक (तकनीकी) संचालन;  मनोज कुमार अग्रवाल, निदेशक (तकनीकी) परियोजना एवं योजना, तथा ईगल इंफ्रा प्रा. लि. के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।   समीरन दत्ता ने इस अवसर पर कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया लिमिटेड, और सभी हितधारकों को उनके सतत सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि कोयला एवं खनन मंत्री  जी. किशन रेड्डी, राज्य मंत्री  सतीश चंद्र दुबे, तथा कोयला मंत्रालय के सचिव  विक्रम देव दत्त के मार्गदर्शन से संभव हुई है। उन्होंने “मिशन कोकिंग कोल” और सतत खनन जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि यह पहल दिखाती है कि कैसे विरासत में मिली चुनौतियां, दूरदर्शी नीति और प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से राष्ट्रहित के काम आ सकती हैं।

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