सतत इंफ्रास्ट्रक्चर विकास सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी और मजबूत नियामक ढांचे की आवश्यकता – रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला

हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन : इंफ्रास्ट्रक्चर कानून और नीति
रायपुर,/ हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (HNLU), रायपुर ने शनिवार, 5 अप्रैल 2025 को “भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर परिदृश्य का अन्वेषण: चुनौतियाँ, अवसर और आगे का मार्ग” शीर्षक से एक सफल एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। यह सम्मेलन वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया था और इसे HNLU के स्कूल ऑफ़ लॉ एंड पब्लिक पालिसी  के अंतर्गत कार्यरत इंफ्रास्ट्रक्चर कानून केंद्र और कानून और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।

इस आयोजन में देशभर से रिसर्च स्कॉलर्स , अकादमिक, छात्र, कानूनी पेशेवर और नीति निर्माता एकत्र हुए, ताकि वे भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के बदलते परिदृश्य पर परिचर्चा  कर सकें। चर्चाओं में उस क्षेत्र को आकार देने वाले कानूनी, नीति, नियामक और शासन संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

सम्मेलन का उद्घाटन छत्तीसगढ़ रेरा के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। अपने संबोधन में उन्होंने सतत इंफ्रास्ट्रक्चर विकास सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी और मजबूत नियामक ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार (I/c), HNLU ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और वास्तविक दुनिया की नीति चुनौतियों को हल करने में इंटरडिसीप्लिनरी शैक्षिक पहलों के महत्व को उजागर किया।

सम्मेलन में चार समानांतर तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया – नियामक ढांचे, सार्वजनिक-निजी साझेदारी, पर्यावरणीय विचार और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए स्थायी कानूनी तंत्र। इन सत्रों में विभिन्न संस्थानों के प्रस्तुतकर्ताओं, शोधकर्ताओं, संकाय और छात्रों ने सार्थक चर्चाएँ की।

समारोह का समापन प्रो. (डॉ.) राम कुमार काकानी, निदेशक, IIM रायपुर के उद्घाटन संबोधन के साथ हुआ। उन्होंने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की क्षमता को उजागर करने में नवाचारी शासन और इंटरडिसीप्लिनरी सहयोग के महत्व पर जोर दिया।

इस कार्यक्रम में डॉ. दीपक श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार एवं कानून और प्रशासन विद्यालय के निदेशक ने अतिथियों का स्वागत किया और वास्तविक दुनिया की नीति चुनौतियों का समाधान करने में इंटरडिसीप्लिनरी शैक्षिक परिचर्चा की प्रासंगिकता पर बल दिया। प्रो. (डॉ.) योगेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, डीन (पीजी) और स्कूल ऑफ़ लॉ एंड पब्लिक पालिसी के निदेशक ने अपने समापन संबोधन में आयोजक केंद्रों के प्रयासों की सराहना की और कानून और सार्वजनिक नीति के संगम पर निरंतर अन्वेषण के लिए प्रेरित किया।

उत्साही शैक्षिक विचार-विमर्श और भविष्य की दिशा को रेखांकित करने वाली इस सम्मेलन ने इंफ्रास्ट्रक्चर कानून और शासन में उभरती विचारों  के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ. परवेश राजपूत, सेंटर फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर लॉ प्रमुख और आशुतोष अहिरे, सेंटर फॉर लॉ एंड पब्लिक हेल्थ  के प्रमुख और अन्य फैकल्टी मेंबर्स  द्वारा किया गया ।

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