बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही प्रदेश सरकार – रमेश गौतम

सोनभद्र। आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष रमेश गौतम के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों को मर्ज करने/बंद करने के निर्णय के खिलाफ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष ने कहा सोनभद्र के सभी 10 ब्लॉक में कई ग्रामीण प्राइमरी स्कूलों को बंद किया जा रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा रॉबर्ट्सगंज और करमा ब्लॉक के स्कूल हैं। कहा कि भाजपा के राज में मकान, दुकान, मंदिर, मस्जिद सभी पर बुलडोजर चलाया गया और अब स्कूल पर भी बुलडोजर चल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे सोनभद्र में जहां-जहां भी स्कूल बंद किए जाएंगे वहां आम आदमी पार्टी उन गांव के अंदर और जिला मुख्यालयों पर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि हम विद्यालयों को कत्तई बंद नहीं होने देंगे, आम आदमी पार्टी इसकी लड़ाई लड़ने का काम करेगी। आरटीई एक्ट के अनुसार 6 से 14 साल तक की उम्र के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा दी जाएगी, जबकि 27000 सरकारी स्कूलों को बंद करके प्रदेश की सरकार शिक्षा के अधिकार का खुला उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि 26000 स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं और अब 27000 स्कूल बंद हो रहे हैं, जिससे लगभग 1 लाख 35000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति, 27000 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति और हजारों की संख्या में शिक्षामित्र की नियुक्ति प्रभावित होगी।  सरकार तर्क दे रही है कि बच्चे कम आ रहे हैं, सवाल यह है कि बच्चों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी किसकी है? आरटीई एक्ट में लिखा है कि 1 किलोमीटर के दायरे में स्कूल होना चाहिए और अगर आबादी को देखते हुए वहां स्कूल खोला गया है, तो उसे बंद करने का क्या कारण है? स्कूलों में मिड-डे-मील की योजना इसलिए शुरू की गई थी की बहुत से ऐसे गरीब परिवार हैं जिनको अपने बच्चों को खाना खिलाने तक के पैसे नहीं है। ऐसे में मिड डे मील के लिए बच्चे स्कूल में आने के लिए प्रेरित हुए थे, लेकिन उत्तर प्रदेश में समय-समय पर मिड डे मील में नमक रोटी देने या खाने में कीड़े मकोड़े निकलने की बात सामने आती रही है। बजाय इसके की सरकार मिड डे मील की गुणवत्ता में सुधार करें वह मदिरालय खोलने में व्यस्त है।
  महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष दुर्गा देवी ने कहा कि देवालयों के लिए बहुत लड़ाई हो चुकी, अब हमें विद्यालय के लिए संघर्ष चाहिए ।   हम सोनभद्र में बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने देंगे। पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीकांत त्रिपाठी ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री तो गोबर से रोजगार देते हैं यानी उत्तर प्रदेश के लोगों को गोबर के ही लायक समझा जाता है। भाजपा की योजना है कि यह विद्यालय बंद करेंगे, हमें शिक्षा से वंचित करेंगे और हमारे दिमाग में गोबर भरने का काम करेंगे ।   हिंदू मुसलमान की राजनीति करेंगे और हमारी जिंदगी की बुनियादी जरूरत से हमें दूर कर देंगे, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष केवल सिंह कुशवाहा ने कहा सरकार का यह निर्णय बच्चों के भविष्य पर बुलडोजर चलाने जैसा है। पिछले 4 वर्षों में 42 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़े हैं, और केवल 1 वर्ष में 8 लाख बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है। यह दर्शाता है कि सरकार जानबूझकर शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर रही है ताकि शिक्षा का निजीकरण हो सके।
 जिला उपाध्यक्ष राजकुमार मौर्या ने कहा  2024 में 27,308 मदिरालाएं खोली गईं, और 2025 में 27,000 स्कूल बंद करने की योजना है। यह मदिरालय बनाम पाठशाला की लड़ाई है। प्रदेश की जनता मदिरालय के बजाय पाठशाला चाहती है ताकि हमारे बच्चे शिक्षित हो सकें।
 अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिला महासचिव अनवर अली अंसारी ने कहा यह मदिरालय बनाम विद्यालय की लड़ाई है। अब उत्तर प्रदेश की जनता को तय करना है कि उन्हें मदिरालय चाहिए या पाठशाला, उत्तर प्रदेश की जनता को दारू चाहिए या शिक्षा चाहिए।

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