मीडिया जगत खतरनाक दौर से गुजर रहा है
सोनभद्र। सीतापुर के महोली के विकास नगर निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हेमपुर ओवरब्रिज से सीतापुर की ओर आ रहे थे, तभी ओवरब्रिज से उतरते समय गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या के बाद सियासत तेज हो गई हैं। एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण ने बीजेपी की योगी सरकार पर निशाना साधा है उन्होंने कहा कि राज्य में जो भी भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, घूसखोरी को उजागर करेगा उसकी जान सुरक्षित नहीं है। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की मौत से यह तय हो गया है कि सूबे में कानून व्यवस्था के क्या हालत है। ढिंढोरा पीटने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती। कानून व्यवस्था को कंट्रोल में रखना एक बात है और कानून व्यवस्था को अपने कंट्रोल में लेने के लिए काम करना दूसरी बात है। बीजेपी की चाहे केंद्र की मोदी की सरकार हो या सूबे में योगी सरकार मीडिया जगत बहुत ही खतरनाक दौर से गुजर रहा है। देश के चैथे स्तंभ ही जब सुरक्षित नहीं तो आम जनता की जान माल की सुरक्षा का सवाल कौन खड़ा करेगा। राघवेंद्र नारायण ने पत्रकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए अलग से आयोग गठित किए जाने कि भी मांग की। इस घटना से सूबे की योगी सरकार के इकबाल पर एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है और प्रदेश के पत्रकारों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए और इसके पीछे छुपे छुपे सफेद पोस भी नहीं बक्शे जाने चाहिए। हमारा सरकार से अनुरोध है कि दोषियों पर ऐसी कार्रवाई और नज़ीर पेश हो कि अपराधियों में संदेश जाए। साथ ही मृतक परिजनों को 50 लाख रुपए नगद और उनके परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी तत्काल दिए जाने की मांग की।

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