बोकारो जनरल हॉस्पिटल मे राष्ट्रीय कर्मयोगी मिशन का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

बोकारो।  । स्थानीय जनरल हॉस्पिटल मे मानव संसाधन के ज्ञानार्जन एवं विकास विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय कर्मयोगी मिशन का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन आज दिनाँक 10 सितम्बर को  किया गया. कार्यक्रम का उदघाटन बी जी एच के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बिभूति भूषण करुणामय ने किया. कार्यक्रम के आरंभ मे बी जी एच के प्रभारी डॉ बिभूति भूषण करुणामय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिन्दा मण्डल, डॉ इंद्रनील चौधरी, चिकित्सा प्रशासन के प्रभारी डॉ दीपक कुमार, ज्ञानार्जन एवं विकास विभाग के सहायक महा प्रबंधक शशांक शेखर के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गयी.

इस अवसर पर ज्ञानार्जन एवं विकास विभाग के सहायक महाप्रबंधक एवं लीड ट्रेनर शशांक शेखर ने राष्ट्रीय कर्मयोगी मिशन के महत्व , इसकी उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी. कार्क्रम में अस्पताल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

बी जी एच के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बिभूति भूषण करुणामय ने अपने सम्बोधन मे कहा कि कर्मयोग की भावना केवल कार्य में दक्षता बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक कर्मी को अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठा, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और सेवा भाव के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करता है. इस प्रकार के प्रशिक्षण से हम अपने कार्यक्षेत्र के साथ देश के प्रगति मे भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. विदित हो कि बोकारो जनरल अस्पताल राष्ट्रीय कर्मयोगी मिशन के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित करने वाला बोकारो इस्पात संयंत्र का पहला विभाग है. इससे पूर्व राष्ट्रीय स्तर पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण के द्वारा दो लीड ट्रेनर एवं तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत कुल 28 मास्टर ट्रेनर को ज्ञानार्जन एवं विकास विभाग के द्वारा प्रशिक्षित किया गया है. कार्यक्रम के प्रशिक्षक डॉ सुबोध कुमार एवं उप प्रबंधक मो. सैफूदुज़्ज़ा ने कर्मयोगी मिशन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह पहल प्रशासनिक एवं कार्यस्थलीय सुधार की दिशा में एक सशक्त कदम है. उन्होंने विभिन्न उदाहरणों से प्रशिक्षण के दौरान प्रेरणात्मक व्याख्यान, समूह चर्चा, इंटरैक्टिव सत्र, व्यावहारिक अभ्यास जैसे विषयों के माध्यम से प्रतिभागियों को यह समझाया कि सकारात्मक दृष्टिकोण, संवाद कौशल, टीमवर्क और सेवा-भावना किस प्रकार कार्य संस्कृति को बेहतर बनाते हैं.

कार्यक्रम के समापन पर रूपलोक कुंभकर, सुधा गिरि एवं रंजू कुमारी ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार का प्रशिक्षण प्रत्येक कर्मचारी को अधिक सक्षम, संवेदनशील और सेवाभावी बनाने में सहायक सिद्ध होगा.

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