स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु दस दिवसीय मेले का मंत्री
ने फीता काटकर किया शुभारंभ*
*स्वदेशी उत्पादों से सम्बन्धित लगाये गये स्टालों का मंत्री ने
किया निरीक्षण*
सोनभद्र उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 की तर्ज पर स्वमी विवेकानन्द प्रेक्षा गृह में लगाये गये 10 दिवसीय ‘‘स्वदेशी मेला‘‘ का शुभारंभ राज्य मंत्री समाज कल्याण विभाग संजीव कुमार गोंड़ ने फीता काटकर
शुभारंभ किये। इस अवसर पर मा0 विधायक सदर भूपेश चैबे, भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल गुप्ता, नगर पालिका अध्यक्ष रूबी
प्रसाद, ब्लाक प्रमुख सदर अजीत रावत, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत चैबे, जिला विकास अधिकारी श्री हेमन्त कुमार सिंह, डी0सी0 मनरेगा रवीन्द्र वीर सिंह, उपायुक्त उद्योग अधिकारी बिनोद कुमार चैधरी, सहायक पर्यटन अधिकारी राजेश कुमार भारती, उद्यमी मित्र सोनभद्र नीतिन प्रकाश सिंह, कनिष्ठ सहायक कौशल कुमार सहित सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहेें। इस मौके पर मंत्री ने उपस्थित जन मानस को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सभी यहां स्वदेशी
संकल्प के लिए एकत्रित हुए हैं। यह संकल्प एक नारा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव है। यह एक आह्वान है कि हम अपने देश में बने उत्पादों को अपनाए, अपनी संस्कृति को गले लगाएं, और अपने देश की
अर्थव्यवस्था को मजबूत करें। हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी हमारा मंत्र है, हमारा लक्ष्य है, और हमारी शक्ति है। यह हमारे देश के कारीगरों, हमारे किसानों, हमारे छोटे व्यापारियों, और हमारे उद्यमियों के प्रति एक सम्मान है। जब हम स्वदेशी अपनाते हैं, तो हम अपने देश की मिट्टी से जुड़ते हैं, अपने लोगों की मेहनत को सम्मान देते हैं. और अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हैं।

भाइयों और बहनों. आज हमें आप सभी से
स्वदेशी के संकल्प पर चर्चा करने का सौभाग्य मिला है। स्वदेशी केवल
आर्थिक क्षेत्र में ही नहीं है, यह हमारी संस्कृति और आत्मा का हिस्सा है। हम विदेशी वस्तुओं के पीछे भागने के बजाय अब अपनी जड़ों को पहचान रहे हैं। दुनिया में योग, आयुर्वेद, हस्तशिल्प, परंपरागत उद्योग, यह सब आज
वैश्विक पहचान बना चुके हैं। उन्होंने कहा कि एक सदी से भी अधिक पुराना स्वदेशी आदर्श, लोकमान्य तिलक, श्री अरबिंदो और महात्मा गांधी जैसे दूरदर्शी नेताओं के नेतृत्व में भारत के स्वतंत्रता संग्राम की एक
मार्गदर्शक शक्ति बना था।
इस अवसर पर विधायक सदर भूपेश चैबे ने कहा कि देश से स्थापित कुछ संघ संस्थाओं ने स्वदेशी को बढ़ावा देने में निरंतर अपना योगदान दिया है। स्वतंत्रता के बाद भारत ने पश्चिमी विकास मॉडल और आयात पर निर्भर मिश्रित अर्थव्यवस्था अपनाई, जिससे स्थानीय उद्योग कमजोर हुए और विदेशी निर्भरता बढ़ी, तभी, वर्ष 1964 में श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने स्वदेशी चेतना को
पुनर्जीवित किया। उन्होंने स्वदेशी प्रौद्योगिकी, कृषि और लघु उद्योगों
को बढ़ावा देकर यह दिखाया कि हमारा विकास हमारे हाथ में है। यही प्रेरणा आगे चलकर वर्ष 1991 में आत्मनिर्भर भारत के आंदोलन का आधार बनी जिसे आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया था। आज मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल अवसंरचना और वोकल फॉर लोकल जैसे अभियान इसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। स्वदेशी,
स्वभाषा और स्वभूषा तीनों मिलकर हमें याद दिलाती हैं कि हमारी शक्ति, हमारी संस्कृति और हमारी उद्योग-कुशलता ही हमें आत्मनिर्भर भारत की
ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल गुप्ता ने कहा कि देश में स्वदेशी (भारतीय वस्तुओं का उत्पादन और खरीद), स्वभाषा (भारतीय भाषाएं और ज्ञान प्रणालियां), और स्वभूषा (भारतीय विरासत, डिजाइन और सौंदर्यशास्त्र) यह तीनों स्तंभ मिलकर श्विकसित भारत की ओर ले जाते हुए
आत्मनिर्भर भारत की नींव तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि आर्थिक व्यवस्था स्वदेशी पर आधारित होनी चाहिए। जब तक यह स्वदेशी नहीं होगी, यह न तो हमारी स्वतंत्रता की रक्षा
कर सकती है और न ही न्याय की गारंटी दे सकती है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया से लेकर स्टार्टअप इंडिया, वोकल फॉर लोकल से लेकर आत्मनिर्भर भारत तक हर पहल का लक्ष्य यही है कि हम विदेशी निर्भरता कम करें और स्वदेशी
उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाएं।

इस मौके पर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष रूबी प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी
ने रक्षा स्वदेशीकरण, ओडीओपी, जीईएम/ओएनडीसी, भाषा प्रौद्योगिकियों और भारतीय विरासत पर गर्व के माध्यम से आत्मनिर्भरता के विचार को आगे बढ़ाया है। अब स्वदेशी का स्वरूप केवल खादी या दीये तक सीमित नहीं है। आज यह
ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर सेमीकंडक्टर तक, भारतीय भाषाओं और ज्ञान परंपराओं से लेकर विश्व स्तरीय वस्तु और शिल्प तक फैल चुका है। आज भारत न सिर्फ अपनी सेना के लिए आधुनिक हथियार बना रहा है बल्कि कई देशों को
रक्षा उपकरण निर्यात भी कर रहा है। मेक इन इंडिया और डिफेंस इंडिजिनाइजेशन के कारण आज टैंक से लेकर तोप और ड्रोन तक भारत में ही
तैयार हो रहे हैं। यह आत्मनिर्भर भारत का सच्चा स्वरूप है। इस मौके पर सदर ब्लाक प्रमुख अजीत रावत ने कहा कि आज गांव-गांव तक
डिजिटल क्रांति पहुंची है। मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। आज पूरी दुनिया में भारत का गर्व बढ़ा रहा है। पहले हम तकनीक आयात करते थे. आज दुनिया भारत से सीख रही है. यह
आत्मनिर्भर भारत का नया चेहरा है। आज जब भारत आत्मनिर्भरता की राह पर चल रहा है, तब जनता को समझना होगा कि देश का भविष्य मेक इन इंडिया और मेड बाय इंडियंस में ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि स्वदेशी आंदोलन कोई सदियों पुराना अवशेष नहीं है, बल्कि एक ऐसा अभियान है जो भविष्य को मजबूत करता है, और इसका नेतृत्व समाज, विशेषकर युवाओं को करना चाहिए। मंत्री ने इस दौरान मेले में लोकल उत्पादों से सम्बन्धित लगायी दुकानों का निरीक्षण भी किये और लोगों से अपील की कि
अधिक से अधिक लोकल उत्पादों को खरीदें और प्रयोग करें। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की सुन्दर प्रस्तुति, करमा नृत्य और भगवान राम के जीवन पर आधारित नाट्य की मनोहारी प्रस्तुति की गयी, जिला सूचना विभागद्वार तैयार की जनपद सोनभद्र के पर्यटन पर आधारित डाकूमेन्ट्री फिल्म की प्रस्तुति की गयी, जिसे लोगों ने सराहा। कार्यक्रम का सफल संचालन डायट प्रवक्ता ऋचा ओझा द्वारा किया गया।

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