एनटीपीसी विन्ध्याचल ने पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को किया और मजबूत

सोनभद्र, सिंगरौली।  देश का सबसे बड़ा विद्युत उत्पादन केंद्र एनटीपीसी विन्ध्याचल पर्यावरणीय संरक्षण के लिए सतत प्रयासरत है। एनटीपीसी द्वारा शाहपुर व बलियरी राख बांध क्षेत्रों और रिहंद जलाशय के आसपास जल, मृदा, वनस्पति और जीव-जंतु से संबंधित नियमित अध्ययन राष्ट्रीय पर्यावरणीय अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के सहयोग से किए जा रहे हैं। 2024 की पूर्वमान मानसून रिपोर्ट के अनुसार, राख बांध के समीप जल गुणवत्ता बीआईएस द्वारा निर्धारित सभी मानकों (pH, TDS, EC आदि) के अंतर्गत पाई गई है।

जल में धातु की मात्रा भी सुरक्षित सीमाओं के भीतर रही है। जुलाई 2024 में की गई एक मत्स्य अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय मछलियों में धातु अवशोषण की मात्रा कम से मध्यम स्तर की पाई गई, जबकि पारे (Mercury) की मात्रा शून्य रही, जो जलीय पारिस्थितिकी तंत्र की दृष्टि से सकारात्मक संकेत है।
राख क्षेत्रों में उड़ने वाली धूल को नियंत्रित करने हेतु एनटीपीसी ने स्थिर एवं मोबाइल फॉगर्स, जल छिड़काव प्रणाली, जल से भरे लैगून, तथा टारपोलिन से ढंके वाहनों जैसी प्रभावी व्यवस्थाएं लागू की हैं। एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के रूप में एनटीपीसी पर्यावरणीय संरक्षण के सर्वोत्तम मानकों को अपनाते हुए सतत विकास की दिशा में समर्पित है।

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