एनटीपीसी कहलगांव अस्पताल ने दी जीवनदान: सर्पदंश पीड़िता सोनाली की कहानी

भागलपुर। कहलगांव के पास एक छोटे से गाँव में 14 वर्षीय सोनाली कुमारी की जिंदगी पर 8 अगस्त 2025 की सुबह 3 बजे संकट आ गया, जब उसे जहरीले सांप ने काट लिया। संदिग्ध कोबरा या करैत के डसने से उसकी हालत बिगड़ने लगी।

परिवार के लोग घबराहट के बीच उसे तुरंत एनटीपीसी कहलगांव के अंतर्गत चल रहे जीवन ज्योति अस्पताल लेकर पहुंचे, जिसके बारे में उन्होंने कई बार सुना था। सुबह 8 बजे अस्पताल पहुंचते-पहुंचते सोनाली की स्थिति गंभीर हो चुकी थी। उसके शरीर में ज़हर का असर स्पष्ट था और साँसें थमने लगी थीं।

अस्पताल के डॉक्टरों और चिकित्सा टीम ने हार मानने से इनकार कर दिया। तुरंत उसे इंट्यूबेट किया गया और बैग व ट्यूब से वेंटिलेशन शुरू किया गया। अगले 24 घंटे तक टीम ने लगातार उसकी हर साँस पर नज़र रखी और जान बचाने के लिए पूरा प्रयास किया।

सोनाली आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आती है। इतने विशेष इलाज का खर्च वहन करना उनके लिए संभव नहीं था, लेकिन एनटीपीसी कहलगांव की सीएसआर पहल के अंतर्गत उसका पूरा इलाज निःशुल्क किया गया। एक दिन बाद, रक्षाबंधन के अवसर पर, दवाइयों के साथ स्वास्थ्य में सुधार दिखने पर उसने अपने भावुक भाई को राखी बांधी। यह सिर्फ भाई-बहन के प्रेम का त्योहार नहीं रहा, बल्कि उसके लिए जीवन का दूसरा अवसर बन गया। दो दिन बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो गई और अपनी खुशी उस चिकित्सा टीम के साथ साझा की, जिसने दिन-रात मेहनत कर उसे मौत के मुहाने से खींच लाया।

जीवन ज्योति अस्पताल वर्षों से सर्पदंश के मामलों में अपनी विशेषज्ञता और सफलता के लिए जाना जाता है और हर साल लगभग 350 मामलों का इलाज करता है। 20 मील से भी अधिक दूर से लोग यहां अपने मरीज लेकर आते हैं। स्थानीय लोगों में एक कहावत है कि सांप के काटने के मामले में यदि रोगी में जीवन का एक क्षीण संकेत भी है, तो एनटीपीसी अस्पताल में उसका उपचार संभव है। सोनाली का बचाव केवल एक चिकित्सीय सफलता नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि समर्पण और मानवीय संवेदनाओं के साथ सबसे कठिन चुनौतियों को भी हराया जा सकता है। यह भी दर्शाता है कि एनटीपीसी कहलगांव बिजली उत्पादन के साथ-साथ अपने आस-पास के जीवन में भी उम्मीद की रोशनी फैला रहा है।

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