मुंगेरीलाल के सपने दिखाना बंद करें मोदी सरकार , ग़रीबों को और ग़रीब अमीरों को और अमीर बनाएगा यह बजट – राघवेंद्र

 सोनभद्र। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट 2025 पेश कर दिया। जहां भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेता बजट को ऐतिहासिक बता रहे हैं वहीं विपक्ष इसे खोखले दावों वाला बता रहा है। एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण ने इस बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बजट पूरी तरह से निराशाजनक है और जनता के साथ धोखा है। यह बजट गरीब को और अधिक गरीब बनाने और अमीरों के लिये सरकारी खजाने को खोल देने वाला बजट है।

  बजट में कुछ भी नया नहीं था। पिछले 5-6 साल से एक ही चीज पेश कर रही हैं। वे सिर्फ पेश करती हैं, मिलता कुछ नहीं है। गरीब, छोटे व्यापारी, किसान को कुछ नहीं मिलता है। युवा, महिलाएं, किसान सब परेशान हैं। महंगाई पर कोई बात नहीं होती। देश में महंगाई गरीबी बेरोजगारी अपने चरम पर है। महंगाई से लोगों का जीना बदहाल है। बजट में किसान को कुछ नहीं मिलता है। बजट देश के पिछड़े और वंचित तबकों की आशाओं पर खरा नहीं उतरा है। इस बजट में युवाओं के रोजगार के लिए कुछ भी नहीं है। निवेशक नए निवेश से घबरा रहे हैं, पूर्व में संचालित उद्योग, व्यापार चलाना मुश्किल हो रहा है और यह सरकार केवल मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखा रही हैं। मनरेगा के बजट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं, मनरेगा मजदूरी बढ़ाने के बारे में कुछ भी नहीं। रोजगार बढ़ाने के लिए कोई प्रावधान नहीं। युवाओं को रोजगार के नये अवसर कैसे बढ़ेंगे। इस बजट में कुछ भी नहीं बताया है। 

बजट का महिलाएं बेसब्री से प्रतीक्षा करती रहती है कि महिला वित्त मंत्री बजट पेश कर रही है तो महिलाओं के लिए बहुत कुछ निकलेगा, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी बजट के पिटारा में महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं निकला। इस बजट में बेलगाम महंगाई से राहत पाने की उम्मीद लगा करके महिलाएं बैठी थी, लेकिन महंगाई से राहत या महंगाई को नियंत्रित करने की कोई योजना इस बजट में नहीं हैं। राघवेंद्र नारायण ने कहा कि जीएसटी में कोई राहत नहीं दी गई। देश का हर नागरिक जीएसटी देता है। पेट्रोल और डीजल पर वैट लगा हुआ है।  किसानों के प्रयोग में आने वाले खाद, पेस्टिसाइड्स और कृषि यंत्रों पर लगे टैक्स में भी कोई कमी नहीं की गई है। केंद्रीय बजट ने आम जनता को बहुत निराश किया है।

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