ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन

मान्यता, स्वास्थ्य सुविधा, आयोग गठन समेत सात सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई की मांग

दुद्धी। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के बैनर तले ग्रामीण पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर गुरुवार को दुद्धी विधायक विजय सिंह गोंड़ के डीसीएफ स्थित विधानसभा कार्यालय पर मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया। यह ज्ञापन विधायक प्रतिनिधि प्रेम सागर को सौंपा गया, जिसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का अनुरोध किया गया। ज्ञापन में बताया गया कि ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों का प्रदेश का सबसे बड़ा संगठन है। संगठन की शाखाएं प्रदेश के 18 मंडलों, 75 जनपदों एवं 551 तहसीलों में सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पत्रकारों को न तो सरकार और न ही संस्थानों की ओर से अपेक्षित सुविधाएं मिल पा रही हैं। कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हुए पत्रकार अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। ज्ञापन में प्रमुख रूप से सात मांगें रखी गईं। इसमें तहसील स्तर पर दैनिक समाचार पत्रों के संवाददाताओं को मान्यता प्रदान करने हेतु पूर्व में जारी शासनादेश में संशोधन कर नया आदेश निर्गत करने, पत्रकार हितों की रक्षा के लिए जिला, मंडल एवं तहसील स्तर पर स्थायी समितियों के गठन एवं नियमित बैठकों की मांग की गई। साथ ही ग्रामीण पत्रकारों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा देने की मांग शामिल है। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर गठित पत्रकार मान्यता समिति एवं विज्ञापन मान्यता समिति में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के दो प्रतिनिधियों को सदस्य बनाए जाने, राजधानी लखनऊ के दारुलशफा में संगठन के लिए निःशुल्क कार्यालय भवन उपलब्ध कराने, ग्रामीण पत्रकार आयोग के गठन तथा पत्रकारिता के दायित्व निर्वहन के दौरान उत्पन्न विवादों में प्राथमिकी दर्ज करने से पूर्व सक्षम राजपत्रित अधिकारी से जांच कराने का प्रावधान किए जाने की मांग भी की गई। ज्ञापन सौंपते समय तहसील अध्यक्ष अमिताभ मिश्र, स्थानीय पत्रकार भीम जायसवाल, मदन मोहन तिवारी एवं नीतिश गुप्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई होती है तो इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत पत्रकारों के जीवन स्तर में सुधार होगा और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष पत्रकारिता को मजबूती मिलेगी।

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