ईसीएल द्वारा UMMEED 2025 का आयोजन : नवाचार, सुरक्षा और नीतिगत संवाद के माध्यम से भूमिगत खनन के भविष्य को सशक्त बनाना
आसनसोल। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) द्वारा 19 से 20 दिसंबर 2025 तक आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के सहयोग से तथा खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS) के तत्वावधान में ‘भूमिगत खनन में यंत्रीकरण एवं स्वचालन” पर आधारित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी *UMMEED 2025* का आयोजन किया जा रहा है।
यह सम्मेलन मुख्य संरक्षकों— उज्ज्वल तह, महानिदेशक, खान सुरक्षा महानिदेशालय; सतीश झा, अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, ECL; तथा प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा, निदेशक, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के गरिमामय संरक्षण में आयोजित किया जा रहा है।
स्वागत भाषण नीलाद्रि रॉय, निदेशक (तकनीकी/संचालन), ECL द्वारा दिया गया, जिसके पश्चात UMMEED 2025 स्मारिका का औपचारिक विमोचन किया गया। उद्घाटन सत्र में मनोज कुमार अग्रवाल, सीएमडी, बीसीसीएल; नीलेंदु कुमार सिंह, सीएमडी, सीसीएल; तथा सतीश झा, सीएमडी, ECL एवं सीएमडी, सीएमपीडीआईएल (अतिरिक्त प्रभार) के संबोधन हुए। अपने संबोधन में सतीश झा ने कहा कि भूमिगत खनन पर यह राष्ट्रीय सम्मेलन खान सुरक्षा महानिदेशक उज्ज्वल तह के मार्गदर्शन में परिकल्पित किया गया है तथा कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा आयोजित किया जा रहा है। सुरक्षा सर्वोपरि है, और कंटीन्यूअस माइनर तथा लॉन्गवाल प्रणालियाँ स्वभावतः अधिक सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करती हैं। भविष्य की मांगों को ध्यान में रखते हुए खनन मशीनरी क्षेत्र को तैयार करने के लिए दीर्घकालिक योजना और उपकरण आवश्यकताओं का स्पष्ट संप्रेषण भी अत्यंत आवश्यक है। मुझे विश्वास है कि इस सम्मेलन में होने वाले विचार-विमर्श से महत्वपूर्ण अनुशंसाएँ सामने आएँगी, जो भारत में भूमिगत कोयला खनन के भविष्य को सार्थक रूप से दिशा देंगी।
सत्र का समापन महानिदेशक, खान सुरक्षा महानिदेशालय, उज्ज्वल तह के प्रभावशाली एवं सारगर्भित संबोधन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने भूमिगत खनन के भविष्य में सुरक्षा, नवाचार और नियामक समन्वय की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला।
इसके पश्चात प्रदर्शनी स्थल का उद्घाटन उज्ज्वल तह द्वारा किया गया, जहाँ अग्रणी देशी एवं अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अत्याधुनिक भूमिगत खनन प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही, कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न सहायक कंपनियों द्वारा प्रस्तुत भूमिगत खदानों के कार्यशील मॉडल भी प्रदर्शित किए गए।
पहले दिन के दोपहर बाद के तकनीकी सत्रों में भूमिगत खनन पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने वाले प्रमुख विषयों पर विशेषज्ञ विचार-विमर्श हुआ। प्रोफेसर आर. एम. भट्टाचार्य, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने “मास प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी” पर तकनीकी व्याख्यान दिया, जिसमें उन्नत यंत्रीकरण के माध्यम से उत्पादकता वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके पश्चात “अर्थशास्त्र एवं नीतिगत पहल” विषय पर डॉ. पी. एस. मिश्रा, पूर्व सीएमडी, एसईसीएल तथा सहायक प्रोफेसर, आईआईएम रायपुर एवं प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस, एनआईटी रायपुर द्वारा सारगर्भित सत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक आर्थिक एवं नीतिगत ढाँचों को रेखांकित किया गया। दिन का समापन “भूमिगत खनन में सुरक्षा चुनौतियाँ” विषय पर केंद्रित सत्र के साथ हुआ, जिसे सुप्रियो चक्रवर्ती, उप महानिदेशक (पूर्वी क्षेत्र), खान सुरक्षा महानिदेशालय ने संबोधित किया, जिसमें नियामक दृष्टिकोण, सुरक्षा अनिवार्यताओं और सतत संचालन हेतु सर्वोत्तम प्रथाओं पर बल दिया गया।
UMMEED 2025 में कॉर्पोरेट जेसीसी सदस्यों, कॉर्पोरेट सेफ्टी बोर्ड सदस्यों, कोल इंडिया की सहायक कंपनियों के पूर्व सीएमडी एवं निदेशकों, क्षेत्रीय महाप्रबंधकों, विभागाध्यक्षों तथा ECL के विभिन्न अधिकारियों की व्यापक भागीदारी रही, जो सम्मेलन की व्यापक औद्योगिक सहभागिता और रणनीतिक महत्त्व को दर्शाती है।
पहले दिन की उद्घाटन कार्यवाही का समापन भरतेन्दु कुमार, महाप्रबंधक (उत्खनन), ECL द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, वक्ताओं एवं प्रतिभागियों के बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
उच्चस्तरीय विचार-विमर्श, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और विशेषज्ञ संवाद के माध्यम से UMMEED 2025 ज्ञान-विनिमय, नवाचार और सहयोगात्मक विमर्श के एक प्रमुख मंच के रूप में अपनी सशक्त पहचान को निरंतर सुदृढ़ कर रहा है, जिसका उद्देश्य भूमिगत खनन के लिए एक सुरक्षित, कुशल और सतत भविष्य का निर्माण करना है।

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